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इन 5 लोगों ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कर दिया है शर्मशार !

आतंकवादियों के नाम पर

सीमा पर जवान मरता है तो किसी के पेट में दर्द नहीं होता होता है लेकिन यदि कोई आतंकवादी मार दिया जाता है तो भारतीय नेताओं के पेट में मरोड़ शुरू हो जाती है.

अब आप ही देखिये कि जब भोपाल में सिमी के आतंकवादियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया है तो उस पर बवाल मचा हुआ है. जिस तरह की बातें नेता कर रहे हैं उससे तो लगता है कि यह लोग आतंकवादी नहीं बल्कि देश के रक्षक थे.

सूत्रों की खबरों के अनुसार इन आतंकवादियों के नाम पर एक ख़ास धर्म अपने धर्म के लोगों को बरगलाने का काम शुरू कर चुका है.

तो आज हम आपको उन 5 भारतीय नेताओं से मिलवाते हैं जो आतंकवादियों के नाम पर आवाज उठा रहे हैं-

आतंकवादियों के नाम पर –

1. असदुद्दीन ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे पहले इन सिमी आतंकवादियों के लिए आवाज उठाई थी. इनके अनुसार यह लोग आतंकवादी नहीं थे बल्कि अभी इनपर मात्र केस चल रहे हैं. आपको यह भी बता दें कि इन जेल से भागे अपराधियों पर हत्या, मर्डर और रेप जैसे केस भी लगे हुए थे. चलिए मान लेते हैं कि यह लोग बेगुनाह थे तो एक बेगुनाह व्यक्ति जेल तोड़कर क्यों भाग सकता है? असदुद्दीन ओवैसी इसका जवाब दें और बतायें कि क्या वह मीडिया पर उल्टा-सीधा ना बोलकर, अदालत में इन लोगों के हक़ की लड़ाई लड़ेंगे? या सड़कों पर उतरकर इन लोगों के लिए बड़ा आन्दोलन करेंगे?

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2. अरविन्द केजरीवाल

जिस व्यक्ति का काम दिल्ली संभालना था वह दिल्ली छोड़कर बाकी सब कुछ संभल रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री के अनुसार यह फर्जी एनकाउंटर था. अरविन्द जी आप जानते हैं ना कि आप जेल से भागे हुए अपराधियों का साथ दे रहे हो? आपको अगर लगता है कि अपराधी के पास जींस और जूते नहीं होने चाहिए तो आप ही बता दो कि क्या कोई आतंकवादी बिना किसी बाहरी की मदद के जेल से भाग सकता है? क्या पता जींस भी इनको बाहर ही दिए गये हो? आपको शक है तो आप आमरण अनशन से इनके अधिकारों की आवाज उठा सकते है.

आतंकवादियों के नाम पर

3. दिग्विजय सिंह

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुसार भी यह फर्जी मुठभेड़ है जैसेकि सर्जिकल स्ट्राइक झूठी थी. आप अगर इन एनकाउंटर को झूठा बता रहे हैं तो आपको यह कम सोशल साइट्स पर नहीं बल्कि देश के सामने सरेआम करना चाहिए ताकि आपके इस काम को सारा देश देख सके. यदि फेक ही काम करना था तो एनकाउंटर की वीडियो क्यों बनाई गयी थी?

आतंकवादियों के नाम पर

4. कमलनाथ

सबसे ज्यादा घायल अगर किसी पार्टी के नेता हुए हैं तो वह कांग्रेस पार्टी के नेता है. अच्छी बात है कि कमलनाथ जी जांच की बात बोल रहे हैं लेकिन कमलनाथ जी आज तक न्याय सिख दंगे के लोगों को भी नहीं मिला है इस बात के लिए आप लोग क्यों आवाज नहीं उठाते हो? जेल से भागे यह आतंकवादी 8 से 9 घंटे में इसलिए नहीं भाग पाए थे क्योकि राज्य की सभी सीमायें सील कर दी गयी थीं. इन लोगों ने भागने की कोशिशें तो की होंगी लेकिन इनको लेने जो आने वाला था शायद वह आ नहीं पाया था.

आतंकवादियों के नाम पर

5. वृंदा करात

माकपा नेता वृंदा करात तो जैसे फैसले सुनाने और केस थोपने में एक्सपर्ट हैं. बाबा रामदेव के ऊपर इन्होनें एक ही दिनों में केसों की बारिश कर दी थी. आज उनका कहना है कि सिमी आतंकवादियों का यह एनकाउंटर इसलिए फेक है क्योकि अधिकारियों और सरकार के ब्यान में विरोध है. वृंदा जी कई बार इस तरह से हाई-प्रोफाइल केस में ऐसा हो जाना आम बात है. आप इस तरह से इन लोगों की पैरवी कर रही हैं जैसे आप इसकी वकील है और अगर आपको इस एनकाउंटर पर शक है तो आप कोर्ट क्यों नहीं चली जाती हैं.

आतंकवादियों के नाम पर

इन लोगों ने आतंकवादियों के नाम पर आवाज़ उठाकर भारत को शर्मिंदा किया – इस तरह से इन 5 नेताओं को सिमी के आतंकवादियों के हक़ में जरुर कोई बड़ा आन्दोलन छेड़ देना चाहिए. जनता को यह मालूम जो चले कि आखिर किस पार्टी का कैसा रुख है?

हालाँकि हो सकता है कि मारे गये लोगों में एक आदमी बेकसूर हो लेकिन फिर उसने जेल से भागकर अपराध क्यों किया और जेल से भागकर भी वह आतंकवादियों के साथ क्यों खड़ा हुआ था.

इन 5 नेताओं को कोई शक है तो वह न्यायालय जायें लेकिन यह लोग मीडिया में तरह-तरह की बात कर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को शर्मिंदा कर रहे हैं. इस पूरे मसले पर आपकी राय क्या है कृपया हमें जरुर बतायें-