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आखिर क्या वजह है कि पहली बार कोई जापानी प्रधानमंत्री पर्ल हार्बर जाएगा.

पर्ल हार्बर

जापान के शहर हिरोशिमों और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद यह पहला अवसर है जब जापान को कोई प्रधानमंत्री पर्ल हार्बर का दौरा करेगा.

पर्ल हार्बर हवाई द्वीप में संयुक्त राज्य अमरीका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं नौसैनिक अड्डा है. पर्ल हार्बर पर जापानी नौसेना द्वारा 7 दिसम्बर 1941 को अचानक आक्रमण कर दिया था. जिस समय जापानी युद्धक विमानों ने पर्ल बंदरगाह पर हमला किया उस समय वाशिंगटन में जापानी प्रतिनिधि के साथ द्वितीय विश्वयुद्ध की समझौता वार्ता चल रही थी.

इस हमले से संयुक्त राज्य अमरीका का संपूर्ण बेड़ा, फोर्ड द्वीप स्थित नौसैनिक वायुकेंद्र एवं बंदरगाह बुरी तरह नष्ट हो गया था तथा ढाई हजार सैनिक मारे गए थे. एक हजार से अधिक घायल हुए एवं लगभग एक हजार लापता हो गए.

इस आक्रमण के परिणामस्वरूप अमेरिका भी द्वितीय विश्वयुद्ध में कूद पड़ा था और बाद में वर्ष 1945 में अमेरिका ने जापान के दो शहरों नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम से हमला कर लाखों जापानी लोगों को मार दिया था.

बहरहाल, दिसंबर महीने के आखिर में अमेरिका के दौरे पर जा रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे 27 दिसंबर को नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर तो जाएंगे लेकिन पर्ल हार्बर पर जापान के हमले की घटना के लिए कोई माफी नहीं मांगेंगे.

जापान का कहना है कि शिंजो अबे की इस आगामी यात्रा का मकसद युद्ध में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देना है ना कि माफी की पेशकश करना. जापानी प्रधानमंत्री हवाई द्वीप में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान पर्ल हार्बर का भी दौरा करेंगे.

जापान के हमले वाले स्थल यानी पर्ल हार्बर का दौरा करने वाले शिंजो अबे पहले जापानी नेता होंगे.

गौरतलब है कि वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कुछ माह पहले अमेरिकी एटमी बम हमले का निशाना बने जापान के शहर हिरोशिमा की यात्रा की थी. इस दौरन अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी थी.

इसी के बाद से कयास लगने शुरू हो गए थे कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे भी अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान ऐसा ही कुछ कर सकते हैं. कयास तो यहां तक भी लगाए जा रहे थे कि जापानी प्रधानंमत्री पर्ल हार्बर पर हमले के लिए माफी मांगकर जापान और अमेरिका के रिश्तों में एक नई गर्माहट ला सकते हैं.

लेकिन जापानी प्रधानंमत्री का कहना है माफी की कोई योजना नहीं है लेकिन हमें युद्ध की त्रासदी को दोहराना नहीं चाहिए.

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