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जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों कर रहें हैं जून का बेसब्री से इंतजार

मोदी की इजराइल यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार जून महीने का बेसब्री से इंतजार है. और हो भी क्यों ना, वजह ही कुछ ऐसी है.

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय विदेश नीति के इतिहास में एक ऐसा अध्याय लिखने जा रहे हैं जिसको लेकर लंबे वक्त से इंतजार किया जा रहा था. प्रधानमंत्री मोदी जून में इजराइल की यात्रा पर जा रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर इजराइल भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर कहा कि इजराइल की जनता उनकी ऐतिहासिक यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रही है.

यही नहीं उन्होंने इससे भी आगे बढ़कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दोस्त शब्द का प्रयोग किया है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहूदियों के त्योहार पासोवर पर नेतन्याहू को शुभकामनाएं दी थीं. यह त्योहार यहूदी लोग मिस्र में दासता से मुक्ति की याद में मनाते हैं. इसके जवाब में इजराइली पीएम ने ट्वीट कर जवाब दिया, आपकी इस शुभकामना के लिए शुक्रिया मेरे दोस्त.

जोकि दर्शाता है कि दोनों ही प्रधानमंत्री इस यात्रा को लेकर कितने उत्साहित है.

बता दें कि 1992 में दोनों देशों के बीच राजकीय संबंध बहाल होने के बाद से किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इजराइल यात्रा होगी. हालांकि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने 2006 में इजराइल की यात्रा की थी.

इसके पहले भारत में जो भी सरकार आई वो इजराइल से अपने संबंधों को लेकर खुलकर इजहार करने से बचती रही है.

उनको लगता था कि अगर इजराइल से दोस्ती की तो इससे अरब देश नाराज हो जाएंगे. यही नहीं भारत की सेक्युलर कहलाने वाली सरकारों को एक ओर डर यह भी था कि इजराइल को तवज्जों देने से भारत के मुसलमान नाराज हो सकते हैं.

बहराल, मोदी की इजराइल यात्रा पर पाकिस्तान के अलावा पूरी दुनिया की नजरे टिकी हैं. क्योंकि दोनों देशों की ओर से इस यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई ऐसे समझौते होने के आसार हैं जो आने वाले दिनों में भारत और इजराइल के संबंधों को ओर मजबूती प्रदान करेंगे.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच कई सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर होने हैं.

मोदी की इजराइल यात्रा के दौरान 1.5 बिलियन डॉलर की भारतीय सेना के लिए एंटी-टैंक मिसाइल और बराक-8 एयर डिफेंस मिसाइल डील भी शामिल है.

बताते चले कि हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल इजराइल की यात्रा पर गए थे. डोभाल की यात्रा को मोदी की इजराइल यात्रा में दोनों देशों के बीच होने वाले समझौतों को लेकर जमीन तैयार करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

मोदी सरकार आने के बाद पिछले तीन सालों में इजराइल भारत में हथियार आपूर्ति के मामले में तीसरा बड़ा साझेदार बन गया है. इसलिए भी उम्मीद की जा रही थी कि भारत और इजराइल के बीच रक्षा क्षेत्र में कई चौकाने वाले प्रकट और गुप्त समझौते भी हो सकते हैं.

मोदी पीएम बनने के बाद इजराइल जाएंगे. हालांकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 2015 में इजराइल का दौरा कर चुके हैं और उन्होंने इस दौरान इजराइली संसद को भी संबोधित किया था.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी 2016 में इजराइल जा चुकी हैं.