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प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से अरब वर्ल्ड में मच सकती है खलबली !

भारत और इजराइल

आखिर वह घड़ी आ ही गई जिसका भारत और इजराइल को वर्षों से इंतजार था.

खबर आ रही है कि भारत व इजराइल के राजनयिक संबंधों के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के मध्य में इजराइल की बहुप्रतीक्षित यात्रा कर सकते हैं.

आप को बता दें कि भारत के किसी प्रधानमंत्री की यह पहली इजराइल यात्रा होगी.

इस खबर के बाद जहां भारत और इजराइल दोनों ही देश प्रसन्न हैं वहीं इस खबर के बाद अरब जगत में खलबली मच सकती है, क्योंकि आज तक मुस्लिम देशों के दवाब और डर से भारत के सभी प्रधानमंत्री इजराइल की यात्रा करने बचते रहे हैं.

लेकिन जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है उसके बाद से भारत और इजराइल के संबंधों में काफी तेजी आई है.

गौरतलब है कि अक्तूबर 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इजराइल यात्रा की थी. यह भारत के किसी राष्ट्र प्रमुख द्वारा इजराइल की पहली यात्रा थी. इसके बाद प्रणब के आमंत्रण पर इजराइल के राष्ट्रपति रूवन रिवलिन ने पिछले साल भारत की यात्रा की थी.

इसके बाद ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इजराइल के साथ संबंधों को अधिक प्राथमिकता दी है. क्योंकि एक साल के भीतर दोनों देशों के राष्ट्रपतियों का एक दूसरे के देश में दौरा करना इसी ओर संकेत करता है.

आपको बता दें कि करीब 20 वर्ष के अंतराल के बाद इजराइल के किसी राष्ट्र प्रमुख की यह दूसरी भारत यात्रा थी. इसके पहले भारत में इजराइल के किसी प्रधानमंत्री की एकमात्र यात्रा वर्ष 2003 में की गई थी. उस वक्त जब एरियल शैरॉन नयी दिल्ली आए थे तब केंद्र में वाजपेई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी.

बहराल, इजराइल में भारत के राजदूत पवन कपूर के हवाले से खबर आई है कि इजराइल ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना करना चाहता है. हालांकि मोदी की यात्रा संबंधी तारीख अभी तय नहीं की गई हैं लेकिन इसके जून-जुलाई 2017 में होने की संभावना है.

भारत और इजराइल दो ऐसे मुल्क है जिनके आपस में मिलने की खबर से मुस्लिम मुल्कों में मायूसी छा जाती है, खासकर पाकिस्तान को.
अरब देशों के अलावा पाकिस्तान को खतरा है कि कहीं भारत और इजराइल ने रक्षा के क्षेत्र में हाथ मिला लिए तो ये दोनों मुल्क दुनिया की बड़ी ताकत बन सकते हैं. इसके बाद इन्हें रोकना दुनिया के किसी भी देश के बस की बात नहीं होगी.