भारत

प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा इन तीन शख्स के बिना है अधूरी!

पीएम मोदी के अनुवादक – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा पूरी दुनिया में छाया है. वह जहां जाते हैं लोगों को अपने भाषण और व्यक्तिव से आकर्षित कर लेते हैं.

लेकिन पीएम मोदी बोलचाल में गुजराती और हिंदी प्रिफर करते हैं. ऐसे में जब वे विदेशी दौरे के दौरान भाषण देते हैं तो उनके लिये विदेशी भाषा को बोलना कठिन काम होता है. वहीं जब वह बोलना शुरु करते हैं तो लोग उनकी बातों को सुनकर तालियां बजाते हैं लेकिन कई बार आपके मन में विचार आता होगा कि पीएम मोदी को इतनी भाषाएं कैसे आती हैं कि वे जहां जाते हैं उसी ही भाषा में वार्तालाप करने लगते हैं.

चाहे फिर वह चीन का दौरा हो या जापान का दौरा.

तो चलिए आज हम आपको उन लोगों से मिलवाते हैं पीएम मोदी के अनुवादक – जो पीएम मोदी के लिये इंटप्रेटर और अनुवादक का काम करते हैं.

पीएम मोदी के अनुवादक –

गुरदीप कौर चावला

अभी कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक महिला की फोटो पीएम मोदी के साथ काफी वायरल हुई थी, यूजर्स ने पूछना शुरु कर दिया था कि आखिर ये महिला कौन है? आपको बता दें कि यह महिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुवादक है. इनका नाम है गुरदीप कौर चावला.
अमेरिकन ट्रांसलेटर की मेंबर गुरमीत कौर चावला हैं. साथ ही वह इंटरप्रिटेशन, अनुवादक समेत संघीय मामलों और सुपीरियर कोर्ट की भाषा की अच्छी ट्रांसलेटर हैं. उन्होंने 21 साल की आयु में ही एक इंटरप्रेटर के रूप में अपना करियर शुरु कर दिया था. साल 1990 में वह संसद भवन की ट्रांसलेटर के तौर पर नियुक्त हुई थीं. मगर साल 1996 में वे नौकरी छोड़कर अपने पति के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गई. लेकिन जब पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना पहला भाषण दिया था तब चावला ने पीएम के भाषण को बिना पहले देखे ही उस वक्त हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद किया था.

आर मधु सुदान

ठीक इस तरह जब प्रधानमंत्री मोदी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में चीन के दौरे पर गए थे तो वहां पर भारतीय दूतावास के पहले सचिव आर मधु सुदान इंटरप्रेटर बनकर गए थे.वह भारतीय विदेश सेवा के 2007 बैच से हैं और उन्होंने काफी समय चीन में ही बिताया है. साल 2009 से 2011 तक चीन में भारतीय दूतावास में सचिव के रूप में उनकी पोस्टिंग हुई थी. दो साल तक सैन फ्रांसिस्को में इंडियन रेजीडेंसी में काम करने के बाद वह वापस साल 2013 में बीजिंग आ गए और भारतीय रेजीडेंसी में दूसरे सचिव के रूप में अपना कार्यभार संभाला.

निलाक्षी साहा सिन्हा

तीसरे नंबर पर आती हैं पीएम की पसंदीदा दुभाषियों में से एक निलाक्षी साहा सिन्हा, जिनको पीएम मोदी और फ्रांसीसी प्रसिडेंट इमैनुअल मैक्रों के साथ वाराणसी दौरे पर साथ देखा गया था. वह पीएम मोदी के साथ हर पल दिखाई दी थी. आपको बता दें कि निलाक्षी सिन्हा एक IFS अफसर हैं और वह फ्रेंच भाषा की एक्सपर्ट हैं. निलाक्षी पीएम की ऑफिशियल इंटरप्रेटर हैं, जो कि विदेशी भाषाओं को हिंदी में अनुवाद कर पीएम मोदी को बतलाती है. अब तक पीएम मोदी के साथ निलाक्षी 14 विदेश यात्राएं कर चुकी हैं. फ्रेंच के अलावा निलाक्षी हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली भाषाओं की जानकारी हैं.

ये है पीएम मोदी के अनुवादक – तो दोस्तों, अब आपको पता चल गया होगा कि विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा के ऑफिसर दूसरे देश की भाषा और कल्चर से परिचित होते हैं. और प्रधानमंत्री उन्हें अपनी सुविधानुसार चुनते हैं. इसलिये साल 2014 से प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्रालय के इंटरप्रेटर कैडर में संयुक्त सचिव स्तर के दो पदों के निर्माण की अनुमति दे दी हैं. यह फैसला इंटरप्रेटर कैडर की विशेषज्ञता बढ़ाने और उन्हें प्रशिक्षण में मदद करने के लिये होगा.

Deeksha Mishra

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