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अपहरण के बाद यहां रखा गया था भगवान राम और लक्ष्मण को

राम और लक्ष्मण

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर जिस स्थान पर उन्हें छुपा कर रखा था उसको अमेरिका के वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है.

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने उस स्थान का पता लगा लिया है जिसका उल्लेख रामायण में पाताल लोक के रूप में किया गया है.

जैसा कि हम सभी जानते हैं – रामायण के अनुसार हनुमानजी ने भगवान राम और लक्ष्मण को पातालपुरी के राजा अहिरावण के चंगुल से मुक्त कराया था. लेकिन वह स्थान कहां है इसकी सही सही जानकारी आज तक नहीं मिल पाई है. वह पाताल पुरी जिसका रामायण में वर्णन है वह किस स्थान और देश में हैं.

लेकिन यदि अमेरिकी वैज्ञानिकों के दावे पर यकीन करे तो यह स्थान एशिया में न होकर मध्य अमेरिकी महाद्वीप है.

पातालपुरी मध्य अमेरिकी महाद्वीप में पूर्वोत्तर होंडुरास के जंगलों के नीचे दफन है.

अमेरिकी मैग्जीन ‘डेली टाइम्स गजट’ के अनुसार वैज्ञानिकों ने लाइडर तकनीकी से इस स्थान का 3डी तस्वीर तैयार की है. जिसमें जमीन की गहराइयों में गदा जैसा हथियार लिये वानर देवता की मूर्ति होने की पुष्टि हुई है.

राम और लक्ष्मण

मैग्जीन का दावा है कि इस शहर की पहली जानकारी अमेरिकी खोजकर्ता थिंयोडोर मोर्ड ने 1940 में दी थी, जिसमें थिंयोडोर ने उस प्राचीन शहर में वानर देवता की पूजा होने की बात भी लिखी थी, लेकिन उसने जगह का खुलासा नहीं किया था.

बताते हैं कि बाद में रहस्यमय तरीके से थियोडोर की मौत हो गई और वह राज उनकी मौत के साथ ही दफन हो गया और जगह को लेकर रहस्य बरकरार रहा.

लेकिन एक बार फिर जब 70 साल बाद अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी व नेशनल सेंटर फार एयरबोर्न लेजर मैपिंग के वैज्ञानिकों ने होंडुरास के घने जंगलों में मस्कीटिया नामक स्थान पर लाइडर नामक तकनीक से जमीन के नीचे 3डी मैपिंग की तो उसमें प्राचीन शहर का पता चला.

जो तस्वीर ली गई उसमें जमीन के नीचे गहराइयों में मानव निर्मित कई वस्तुएं दिखाई दीं. इसमें हाथ में गदा जैसा हथियार लिए घुटनों के बल बैठी हुई वानर मूर्ति भी दिखीं. उसके बाद वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि यह स्थाना कोई ओर नहीं बल्कि भारतीय धर्म ग्रंथों में वर्णित पातालपुरी है.

लेकिन होंडुरास के जंगलों की खुदाई पर प्रतिबंध है.

इस कारण इस स्थान की वास्तविक स्थिति का पता लग पाना मुश्किल है.

हालांकि होंडुरास सरकार ने इस खबर की पुख्ता जानकारी के लिए आदेश जारी किए हैं.