ENG | HINDI

पिज्जा और चाकलेट खाने वाला खा रहा है गाय और मासूम बछड़ों का मांस ! सबूत के आधार पर पूरी खबर

पिज्जा और चाकलेट

निश्चित रूप से आप पिज्जा और चाकलेट तो खाते ही होंगे.

सबसे अच्छी बात यह है कि आपके बच्चे भी बड़े चाव से इन दोनों चीजों का आंनद लेते होंगे.

लेकिन आज जो पिज्जा-चाकलेट का सच हम आपको बताने वाले हैं उसके बाद तो निश्चित रूप से आप पिज्जा-चाकलेट खाना तो खुद छोड़ ही देंगे बल्कि अपने बच्चों को भी यह चीजें नहीं खिलाएंगे.

स्वर्गीय राजीव दीक्षित आज से लगभग 8 साल पहले जब यह सच बताते थे तो कोई भीं मानने को राजी नहीं होता था. सब बोलते थे कि पिज्जा और चाकलेट पर तो हरा निशान होता है इसलिए यह शाकाहारी होता है. लेकिन हकीकत बात यह है कि पिज्जा और चाकलेट गाय एवं बछड़े के मांस से तैयार किये जा रहे पदार्थ हैं.

अब आप बोलोगे कि वो कैसे ? तो पढ़िए क्या कहती है एक रिपोर्ट-

एक स्वदेशी संस्था और राजीव दीक्षित की रिपोर्ट बताती है (यह रिपोर्ट जस की तस पेश की गयी है)

पिज्ज़ा और चाकलेट मे डाला जाने वाला एक पदार्थ RENNET यानि की एक प्रकार का enzyme जिसे हम हिन्दी में जामन भी कहते है. ये enzyme एक नवजात या यूं कहे जिस गाय के बछड़े ने अभी कुछ समय पहले ही इस दुनिया में जन्म लिया है उसके पेट के चौथे हिस्से में जुगाली करने से बनता है. इसके अतिरिक्त ये कुछ और जानवरो को बच्चो जैसे की बकरी और भेड़ के. पेट के चौथे हिस्से में मिलने वाला RENNET बहुत सारे enzymes से मिल कर बना होता है, जो इन्हे माँ का दूध पचाने में मदद करता है.

अब आगे यह रिपोर्ट कहती है कि RENNET enzyme PIZZA के cheese को तैयार करने के लिए उपयोग में लाया जाता है. और यह हमें सिर्फ एक ही सूरत में प्राप्त हो सकता है, या तो हम जुगाली करें या उस गाय के बछड़े को मार कर उसके पेट को काट कर उसमे से उस enzyme RENNET को निकाला जाए. ये सब मांस के उत्पादन का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. कभी-कभी RENNET की मात्रा कम होती है और उसके साथ साथ PEPSIN होता है जो की प्रचुर मात्रा में होता है, जो कि सिर्फ खास प्रकार के दूध (चाकलेट मे प्रयोग होने वाला )या पनीर (PIZZA CHEESE) बनाने के ही काम आता है.
(साभार- raajivdikshitmp3)

जब यंगिस्थान ने RENNET Enzyme को सर्च किया

सबूत के लिए आप what is Rennet यह सर्च करें. तो आपको जो परिणाम मिलेंगे उसका सार हम यहाँ जस तक तस बता रहे हैं-

Rennet is an extract from the fourth stomach of young ruminants, such as cows, goats, and sheep. It contains a number of enzymes that are designed to help these animals digest their mother’s milk, and when added to milk, it will cause the milk to coagulate, forming the curds and whey that are so essential in the cheesemaking process. Humans have been working with the extract for thousands of years, and it is typically readily available in stores that carry cheesemaking supplies.

इसका हिंदी अनुवाद वही है जो ऊपर बताया गया है. वैसे बोला जाता है कि RENNET enzyme को घर पर भी बनाया जा सकता है किन्तु तब काफी समय बर्बाद होता है इसलिए जो बछड़े हाल ही में पैदा होते हैं उनको मारकर, उनके पेट से यह निकाल लिया जाता है और बाद में इनसे cheese बनाकर पिज्जा बनाया जाता है, जिसे हम बड़े ही चाव से खा लेते हैं.

पिज्जा और चाकलेट कम्पनियां अपने फायदे के लिए भारत की भोली जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.

इस बात की जाँच करने पर इस रिपोर्ट की सत्यता पर 60 फीसदी तक यकीन हो जाता है. यह एक ऐसा सच है जिसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना चाहिए ताकि एक तो लोगों का धर्म खराब ना हो और दूसरा कि मासूम बछड़ों की जान बचाई जा सके. इस रिपोर्ट के बाद भी अगर आप पिज्जा-चाकलेट खाते या बच्चों को खिलाते हैं तो आप निश्चित रूप से पाप के भागीदार बनेंगे.

इसके साथ सरकार का फर्ज है कि इस पूरे सच को वह सामने लाए. उसकी जाँच समितियां निष्पक्ष रूप से जांच करें और जनता को बतायें कि क्या वाकई पिज्जा और चाकलेट के लिए गाय और बछड़ों को मारा जा रहा है?