ENG | HINDI

क्यों हैं पियूष मिश्रा इस सदी के सबसे महान गीतकार?

piyush-mishra

एक गीतकार क्या करता है?

एक फिल्म के कुछ गाने लिखता है, है ना?

लेकिन आप सच के कोसों दूर हैं. एक गीतकार, फिल्म के गाने तो लिखता ही है लेकिन ऐसा करते हुए, एक फिल्म को अलग पहचान देने का काम भी एक गीतकार करता है.

बॉलीवुड के इतिहास का कोई भी पन्ना उठा कर देख लें, हर एक फिल्म को उसके गानों से पहचान मिली है. शायद इसी वजह से भारत में बननेवाली फिल्मों के गीत समय के साथ और पेचीदा और विविश्तापूर्ण होते गए.

आप लोगों को शायद याद ना हो, लेकिन सन 2004 में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी, ‘ब्लैक फ्राइडे’. इस फिल्म के निर्देशक थे अनुराग कश्यप. दो सालों से इस फिल्म को भारतीय सेंसर बोर्ड कई कारणों की वजह से दर्शकों को दिखाने के लिए योग्य नहीं मान रहा था. इस फिल्म को देखने के बाद आप समझ जाएंगे की क्यों?

1993 मुंबई बम ब्लास्ट की सच्ची कहानी इस फिल्म में दिखाई गई थी. फिल्म में एक गाना था, शुरुआत में गिटार की आवाज़, धीमा, सुकून भरा! एक अच्छे गाने के सभी गुण इसमें मौजूद थे, लेकिन जब राहुल राम ने जो की इस गाने के गायक थे, अपने मुह से गाने के बोल गाने शुरू किये, तब जो गाना सुकून भरा लग रहा था, वह एक आंधी की तरह लगने लगा.

इस गाने का नाम था ‘बंदे’ और इस फिल्म को लिखा था ‘पियूष मिश्रा’ ने.

मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि अगर ब्लैक फ्राइडे फिल्म में यह गाना न होता तो शायद ही ब्लैक फ्राइडे इतनी प्रभावशाली फिल्म बन पाती.

पियूष मिश्रा उन खुशनसीब शख्सीयतों में से हैं जिन्होंने ने अपनी ज़िन्दगी के 3 साल NSD में बिताए हैं. फिर उसके बाद इन्होने दिल्ली में हिंदी थिएटर शुरू कर दिया. वे 2002 में मुंबई शिफ्ट हो गए और यहाँ अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की. पियूष मिश्रा ने ‘मक़बूल’ और ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ जैसी फिल्मों में कमाल के अभिनय से दर्शकों को आवाक करके रख दिया. पियूष मिश्रा ने ना ही केवल कमाल के गीत लिखे हैं बल्कि कमाल के अभिनेता भी हैं.

‘गुलाल’ का आरम्भ है प्रचंड गाना शायद इस सदी अब तक का लिखा हुआ सबसे अच्छा गाना है और इसे लिखनेवाले भी पियूष मिश्रा ही हैं.
मुझे यकीन है कि आप जब भी पियूष किश्रा का लिखा हुआ पढेंगे या सुनेंगे तो आपको बिस्मिल के लिखावट की देशभक्ति और टैगोर के लिखावट की शूक्ष्मता दोनों भरपूर मात्रा में मिलेगी.

इसमें कोई सवाल नहीं कि इस सदी की गीतकारों में अगर तुलना की जाए, प्रसून जोशी, समीर, इरशाद कामिल जैसे गीतकारों के बीच तो बेशक पियूष मिश्रा इन सब से लाख गुना बेहतर हैं और वे बेहतर इसलिए हैं क्योंकि वे सच लिखते हैं और सच्चाई से लिखते हैं.

धन्यवाद!