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भारतीय कानून से बचने के लिए विजय माल्या से पहले ये लोग भाग चुके हैं लंदन !

क़ानून से बचने लंदन भागे

भारतीय कानून एजेंसियों और बैंको से 9000 करोड़ लोन लेकर लंदन भागने वाले विजय माल्या के बीच चुहे-बिल्ली का खेल जारी है.

पिछले दिनों हुए रोचक घटनाक्रम में पहले तो लंदन में स्वॉटलैंड यार्ड द्वारा माल्या को गिरफ्तार किया गया फिर कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई. माल्या के गिरफ्तार होते ही मीडिया में उनके भारत प्रत्यार्पण की अटकले लगने लगी थीं पर उनके जमानत मिलने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया.

वैसे माल्या ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं जो भारतीय कानून से बचने के लिए लंदन भागे हों.

आइए जाने कि माल्या से पहले क़ानून से बचने लंदन भागे हुए लोगों के बारे में –

क़ानून से बचने लंदन भागे –

1 – ललित मोदी-

आइपीएल के प्रथम कमीश्नर और बिजनेसमैन ललित मोदी की एक समय क्रिकेट जगत से लेकर राजनीति में तूती बोलती थी. उन्होंने 2007 से लेकर 2010 तक आइपीएल का संचालन किया. 2010 में उनपर आर्थिक अनियमतता के आरोप लगने के बाद उन्हें बीसीसीआई से बर्खास्त कर दिया गया और उनपर जांच बिठा दी गई. इस मामले की जांच ईडी भी कर रही थी. जांच एजेंसियों के शिकंजे से बचने के लिए ललित मोदी उसी साल लंदन भाग गए.

2 – रवि शंकरन-

भारतीय नेवी के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कमांडर रवि शंकरन नेवी वॉर रूम लीक केस के प्रमुख अभियुक्त हैं. रवि शंकरन पर हथियारों की दलाली और व्यापारिक हित के लिए सैन्य जासूसी करने के आरोप हैं. लंदन में बस चुके शंकरन इनकम टैक्स, सीबीआई और इंटरपोल जैसी संस्थाओं के शिकंजे से अब तक बचे हुए हैं.

क़ानून से बचने लंदन भागे

3 – नदीम सैफी-

नदीम अख्तर सैफी अपने जोड़ीदार श्रवण कुमार राठोड के साथ कभी बॉलीवुड के संगीत जगत में राज किया करते थे. नदीम-श्रवण की जोड़ी बॉलीवुड के इतिहास की सबसे सफलतम संगीतकारों के तौर पर याद की जाती है. सन 2000 में टी-सीरीज कैसेट के मालिक गुलशन कुमार की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई. नदीम उस समय ब्रिटेन में थे. गुलशन कुमार की हत्या का षड़यंत्र रचने में नदीम सैफी को भी अभियुक्त बनाया गया. इसके बाद कानूनी शिकंजे से बचने के लिए नदीम लंदन भाग गए थे.

क़ानून से बचने लंदन भागे

ये है वो लोग जो क़ानून से बचने लंदन भागे – सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसे लोग भारतीय कानून से बचने के लिए लंदन को ही क्यों चुनते हैं.

दरअसल भारत और ब्रिटेन के मध्य प्रत्यार्पण संधि में कई ऐसे क्लॉस हैं जिनका सहारा लेकर माल्या जैसे लोग भारत के कानूनी शिकंजे से बच पाते हैं. दूसरा कारण ब्रिटेन का सख्त मानवाधिकार कानून है. इसके अलावा ब्रिटेन अमीर भारतीयों के लिए दूसरा घर की तरह है. यूके में घर खरीदना और बसना अमीर भारतीयों के लिए बेहद आसान है.

यूके का होम डिपार्टमेंट बिजनेस और अरजेंट ट्रेवलर्स को 24 घंटे के अंदर सुपर प्रायोवरिटी वीजा सर्विसेज भी मुहैया करवाता है.