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इस मंत्री ने अखिलेश के सामने क्यों मारे थे मुलायम के खास आशू मालिक को चाटे !

पवन पांडेय

अखिलेश सरकार में मंत्री पवन पांडेय ने मुलायम सिंह और शिवपाल के खासमखास माने जाने वाले एमएलसी आशु मलिक को मुख्यमंत्री आवास में चाटें मारे. ये बताया जाता है कि जिस वक्त पवन पांडेय आशू मलिक को चाटे मार रहे थे उसी वक्त अखिलेश ने बीच बचाव कर आशू मलिक का हाथ पकड़कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला.

दरअसल, बात उस समय बिगड़ी जब 24 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंच से कहा कि पार्टी में कुछ लोग अपने आकाओं के इशारे पर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं.

अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव से कहा कि अखबार में उनके खिलाफ खबरें छपवाई जा रही है. इस दौरान अखिलेश ने इस सबके लिए अमर सिंह के साथ एमएलसी आशु मलिक को भी कठघरे में खड़ा किया.

दरअसल, एक अंग्रेजी अखबार ने अखिलेश की तुलना औरंगजेब से करते हुए खबर कुछ इस प्रकार बनाई की लगे कि अखिलेश अपने पिता के साथ वैसा ही सलूक कर रहा है जैसा औरंगजेब ने शाहजहां के साथ किया था. बताया जाता है कि अखबार ने ये खबर आशू मलिक के कहने पर प्लांट करवाई थी.

अखिलेश इसको लेकर आग बबूला थे.

वहीं जब अखिलेश मंच पर अपने खिलाफ चल रहे षडयंत्रों को एक एक कर गिना रहे थे, उस वक्त शिवपाल ने उनके हाथ से माइक छीन लिया था. अखिलेश समर्थक इससे बेहद खफा थे. शिवपाल पर तो उनका बस चला नहीं लेकिन शिवपाल और मुलायम का करीबी एमएलसी आशु मलिक उनके हत्थे चढ़ गया.

शुरू में आशु मलिक इस घटना को नकारते रहे लेकिन बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास पर मंत्री पवन पांडे और भदौरिया ने उन्हें पीटा था. इसकी शिकायत उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह से भी की है. हालांकि मंत्री पवन पांडे ने आशु मलिक के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि क्या कोई मुख्यमंत्री आवास में किसी को मार सकता है, जहां इतनी सुरक्षा होती है.

वहीं दूसरी ओर शिवपाल ने एमएलसी आशु मलिक को चाटा मारने के आरोप में राज्यमंत्री पवन पांडेय को समाजवादी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है. गौरतलब है कि लगातार अखिलेश समर्थकों को पार्टी से निकाला जा रहा है. पहले यूथ विंग के अध्यक्षों को फिर एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से निकाला गया. सोमवार को रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. अब मंत्री पवन पांडे को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

बताते चलें कि पवन पांडे सपा के युवा नेता और अखिलेश के करीबी हैं. उन्होंने 2012 विधान सभा चुनावों में फैजाबाद से पांच बार के बीजेपी विधायक लल्लू सिंह को हराकर समाजवादी पार्टी को जीत दिलाई थी. 1991 के बाद पहली बार सपा यहां जीत सकी थी.

इसी का इनाम अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री बनाकर दिया था.

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राजनीति