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पाकिस्तान का ऐसा शहर जहां कोई नहीं खाता है बीफ, हिंदू मुस्लिम रहते है साथ

मीठी

पाकिस्तान का एक टाउन मीठी – पाकिस्‍तान एक इस्‍लामिक देश है और यहां पर मांस खाना बहुत ही आम बात है। इस्‍लाम धर्म में किसी भी जानवर का मांस खा सकते हैं और इसमें गाय का मांस खाने में भी कोई अधर्म नहीं समझा जाता है जबकि हिंदू धर्म में इसे पाप की श्रेणी में रखा गया है।

आपने अब तब बस यही सुना होगा कि पाक में हिंदुओं के साथ अच्‍छा व्‍यवहार नहीं होता है लेकिन आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में एक ऐसा भी शहर है जहां हिंदू और मुसलमान बहुत प्‍यार से रहते हैं और यहां कोई बीफ भी नहीं खाता है।

इस शहर में बसता है प्‍यार

पाकिस्‍तान के थार मरुस्‍थल में ये अनोखा शहर बसता है और इसका नाम है मीठी। यहां की जमीन सख्‍त ऊबड़ खाबड़ है लेकिन मरुस्‍थल और शहर बहुत सुंदर है।

सिंध प्रांत के थारपारकर जिले का मुख्‍यालय है ये शहर  और इसकी सबसे खास बात ये है कि यहां हिंदू और मुसलमान पूर सौहार्द के साथ रहते हैं। यहां सदियों से एकसाथ रहते हुए भी उनमें कोई भेदभाव नहीं है। इन लोगों ने सुनिश्चित कर रखा है कि बाहर की घटनाओं से  उनकी सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित ना हो पाए।

ये शहर पाक के सबसे बड़े शहर कराची से 280 किलोमीटर दूर है और इसे अपने आप में एक अजूबा माना जाता है। इस शहर में कई ऐसी चीज़े हैं जिन्‍हें देखकर आप भी अचंभित हो जाएंगें। इस शहर को पूरे पाकिस्‍तान या दुनियाभर के लिए मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है।

ये हैं इस शहर की खासियतें

मीठी शहर में एक मंदिर भी है जहां हिंदू महिलाएं गणेश चतुर्थी पर आरती किया करती हैं। याहं पर हिंदुओं की संख्‍या मुसलमानों से ज्‍यादा है। मीठी की आबादी करीब 87 हज़ार है जिसमें से 70 फीसदी हिंदू और ऐसे माहौल में दो धर्मों के बीच शांति और प्रेम का भाव रखना बहुत मुश्किल काम है।

इस शहर में हिंदू और मुसलमान दोनों मिलकर ईद और दीवाली का जश्‍न मनाते हैं। यहां हर त्‍योहार दोनों धर्म के लोग मिलकर मनाते हैं।

कहते हैं कि साल 2001 में मीठी में स्थित मस्जिद को बढ़ाने के लिए जमीन की जरूरत थी। तब उसके बगल वाले घर में एक हिंदू महिला रहती थी। उस महिल ने बिना किसी के कहे ही अपने घर की जमीन मस्जिद को दे दी।

इस समय दुनिया में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच के रिश्‍ते को सबसे ज्‍यादा उछाला जा रहा है और ये भी कहा जा सकता है कि ये दंगा या आतंकवाद फैलाने का सबसे आसाना तरीका भी है।

पाकिस्‍तान का ये शहर भारत और पाक के अन्‍य हिस्‍सों में रहने वाले लोगों को सबक देता है कि उन्‍हें भी अमन और चैन से रहना सीख लेना चाहिए। भारत में भी सभी धर्मों और जा‍ति के लोग रहते हैं और शायद जिस तरह भारत में सभी धर्मों के लोग प्‍यार और सद्भावना के साथ रहते हैं वैसे ही पाक के इस शहर में भी प्‍यार बरसता है। पाकिस्‍तान के लोगों को अपने ही इस शहर से कुछ सीखना चाहिए और अपने अंदर इंसानियत को जगाना चाहिए।

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