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आखिर क्यों पाकिस्तान-अमेरिका की दोस्ती कट्टर दुश्मनी में बदल गई?

पाकिस्तान-अमेरिका

पाकिस्तान-अमेरिका की दोस्ती  – पाकिस्तान में सरकार बदले कई महीने हो गए हैं, लेकिन इसका पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि वहां के हालात तो बद से बदतर होते जा रहे हैं.

पैसों की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत और खराब हो गई है क्योंकि उसकी मदद करने वाला दोस्त अमेरिका अब उसका कट्टर दुश्मन जो बन गया है.

एक समय ऐसा था जब पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध बहुत दोस्ताना थे और अमेरिका पाकिस्तान की बहुत आर्थिक मदद करता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान को मदद देना बहुत कम कर दिया और अब तो पूरी तरह से ही बंद कर दिया है. पेंटागन के मुताबिक अमेरिका ने पाकिस्‍तान को मिलने वाली 1.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि पर रोक लगा दी है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर झटका दिया था. IMF ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने के लिए कुछ शर्तें कड़ी कर दी हैं. हाल ही में चीन से लौटे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन से बड़ी आर्थिक मदद मिलने का दावा किया था. जिसके बाद IMF ने इस राशि की जानकारी मांगी थी. लेकिन पाकिस्तान और चीन दोनों ने इसका खुलासा करने से मना कर दिया था.

ट्रंप बार-बार कहते आए हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने में दुनिया की मदद नही कर रहा और ओसामा बिन लादेन को छुपाने के मुद्दे पर भी वो पाक को फटकार लगा चुके हैं.

उधर बार-बार ट्रंप के हमले के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी दोस्ती छोड़ कड़े तेवर दिखाते हुए का था कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान जितना बलिदान करने वाला कोई सहयोगी नहीं हो सकता. ‘9/11 के हमले में कोई पाकिस्तानी शामिल नहीं था, इसके बावजूद हमने आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ दिया. इस लड़ाई में 75,000 पाकिस्तानियों की जान गई और अर्थव्यवस्था को 123 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

दरअसल, इन दिनों पाकिस्तान और चीन की नज़दीकिया कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है, जो ट्रंप को नागवार गुज़र रही है. इस वजह से पाकिस्तान और अमेरिका के बीच दुश्मनी बढ़ती जा रही है.

चीन फिलहाल वैश्विक मोर्चे पर खुद को ताकतवर बनाने में जुटा है इसलिए वो पाक से संबंध अच्छे बना रहा है और उसकी मदद कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन पाकिस्तान के ग्वादर में अलग शहर ही बसाने जा रहा है. इस शहर में पांच लाख लोग रहेंगे. सभी चीनी नागरिक होंगे. करीब 15 करोड़ डॉलर की लागत से ये शहर बनाए जाने की खबरे हैं. ऐसा होता है तो पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है, लेकिन इमरान खान को लगता है फिलहाल ये बात समझ नहीं आ रही.

किसी ने सच ही कहा है दो लोगों के झगड़े में कोई तीसरा मलाई आकर खा जाता है. पाकिस्तान-अमेरिका के झगड़े में लग रहा है चीन अपना फायदा  करने की पूरी कोशिश में है.