कैरियर

कभी जेब में चवन्नी नहीं थी आज है करोड़ों का मालिक

Oyo Rooms – जिंदगी में बड़ा बनने के लिए उम्र की ज़रुरत नहीं होती.

आप छोटी उम्र में भी बड़ा काम कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. इस लड़के की उम्र बहुत कम थी जब इसने इतना बड़ा काम कर दिया. कभी इसके पास एक रूम का रेंट देने के पैसे नहीं थे, लेकिन आज वो आम लोगों को रहने के लिए सस्ते दर पर रूम दिला रहा है.

आपने Oyo Rooms का नाम तो सुना होगा, नहीं भी सुना तो किसी न किसी होटल के बाहर इसका बड़ा सा लाल रंग का बोर्ड देखा होगा. इस लाल रंग के बोर्ड के असली मालिक यही लड़का है. आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं.

Oyo Rooms आज इसी ब्रांड ने बड़े होटलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सस्ते दाम में बेहतक सुविधा के नाम पर इसका कोई मुकाबला नहीं। इसके कारोबार को बड़ा बनाने में किसी बड़े शख्स का हाथ नहीं बल्कि उस 17 साल के उस लड़के का हाथ, है जो कभी किराए के मकान पर जिंदगी जीता था. एक इंटरव्यू में रितेश ने कहा कि कभी उनके पास पढ़ाई के दौरान इतना पैसा नहीं था कि वो कमरे का रेंट दे सकें. यही सोचकर वो खुद इस तरह के कमरे की कल्पना करने लगें.

रितेश अग्रवाल नाम के शख्स ने 17 साल के एक लड़के ने शुरू किया था, जो आज लगभग 6000 करोड़ का मालिक है. इतना ही नहीं. इस लड़के ने जो काम शुरू किया, उसका हर महीने उसे फायदा मिलता है. हर 3 महीने में 30 प्रतिशत की बढ़त हो रही है. इस कंपनी को बनाने वाले रितेश अग्रवाल हैं जिन्होंने बिना किसी की मदद से इससे बनाया था. रितेश ने बताया की काम न मिलने के कारण शुरूआती दौर में उन्होंने सिम कार्ड्स तक बेचे हैं और पैसों की कमी के कारण उन्हें कभी-कभी सीढ़ियों पर भी सोना पड़ता था. कल का बिताया संघर्ष आज लोगों के लिए बेहतर बन गया है.

गरीबी ऐसी थी कि रितेश आगे की पढ़ाई न क्र सके, इसलिए अपने आइडियाज और वीजन को पूरा होता देखने के लिए रितेश इंतजार नहीं करना चाहते थे. उन्‍होंने IIT की तैयारी छोड़कर अपने बिजनेस की तैयारी शुरू कर दी. आज उनका व्यवसाय पूरे इंडिया को फायदा पहुंचा रहा है.

19 साल के रितेश अग्रवाल महीनों घूमते और बजट होटल में रुकते, ताकि वहां की तमाम चीजों के बारे में जान सकें. अपने अनुभव के बल पर रितेश ने अपने पहले स्‍टार्ट-अप यात्रा की शुरुआत की. ऐसे बहुत से यंग लड़के हैं जो सरकार की नीतियों का फायदा उठाकर अपना बिज़नस शुरू कर चुके हैं. रितेश अग्रवाल जैसे लोग अपने साथ साथ दूसरों को भी फायदा पहुंचाते हैं.

इस काम की शुरुआत में रितेश ने एक वेबसाइट तैयार की थी जहां वे सस्‍ते और किफायती होटल्‍स के बारे में जानकारी अपडेट करते थे जिस वेबसाइट का नाम रखा ओरावल. उन्हें लगा कि लोग वेबसाइट को समझ नहीं पा रहे हैं, इसलिए उन्‍होंने 2013 में उसका नाम बदल कर Oyo Rooms रख दिया, जिसका नतीजा आज आप देख ही रहे हैं.

आज ये नाम ही काफी है. अब लोग जब किसी दूसरे शहर जाते हैं, तो होटल जाने की बजे अपने मोबाइल से ही रूम बुक कर देते हैं.

Shweta Singh

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