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कालेधन के कारोबारियों को अब इन नेताओं से उम्मीद

कालेधन के कारोबारी

नोटबंदी को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यह साफ करने के बाद भी कालेधन के कारोबारी लोगों को विरोधी दलों के नेताओं से उम्मीद है कि वे इसको लेकर कोई न कोई रास्ता निकालने में उनकी मदद करेंगे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित विरोधी दलों के नेता अपने तमाम आपसी मतभेदों को भुलाकर मोदी सरकार के विरूद्ध एकजुट होकर मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

कालेधन के कारोबारी अभी भी उसमें अपने लिए एक उम्मीद की किरण देख रहे हैं.

कालेधन के कारोबारी को  लगता है कि अगर पूरा विपक्ष इसके विरोध में एकजुट हो जाए तो शायद कुछ राहत मिल सकती है. लेकिन जिस प्रकार तमाम कष्ट सहने के बाद लोग कालेधन के कारोबारी को, कालेधन को समाप्त करने के लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने का समर्थन कर रहे हैं उसको देखते साफ है कि इस बार उनकी दाल नहीं गलने वाली है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को छोड़ दिया जाए तो कोई भी बड़ा राजनीतिक दल प्रधानमंत्री मोदी की इस साहसिक पहल का समर्थन नहीं कर कर रहा है. यहां तक कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी इसको लेकर लोगों की परेशानी का तर्क देकर इसकी आलोचना कर रही है.

सबसे अधिक आश्चर्य तो उस वक्त हुआ जब इसको लेकर ममता बनर्जी ने अपने धुर विरोधी वामपंथियों तक से बात कर विरोध में समर्थन मांगकर एकजुट होने की अपील की. उधर मुलायाम सिंह यादव और मायावती भी इसका मुखर विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम, सपा व बसपा जैसे विपक्षी दलों ने खुलकर सरकार के उद्देश्य, मंशा और सफलता पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि सत्र के शुरूआती कुछ दिन हंगामेदार ही रहेंगे और विपक्ष का बड़ा खेमा एकजुट होकर जनता की परेशानियों का हवाला देकर मोदी सरकार पर नोटबंदी को वापस लेने का दवाब बनाएगा.

विरोधी दलों को लगता है जिस प्रकार जनता को पुराने नोटबंदी से परेशानी हो रही है और पैसा निकालने के लिए घंटों एटीम और बैंको की कतार में खड़े लोगों में गुस्सा हैं यदि उसको लेकर विपक्ष एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दे तो, हो सकता है कि सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़ जाए. क्योंकि जिस प्रकार लोगों को इससे परेशानी हो रही है उसको देखते हुए विपक्ष ही कालेधन के कारोबारी को इसमें एक उम्मीद नजर आ रही है कि उनकी जनता का समर्थन भी मिल सकता है.

वहीं संसदीय कमेटी बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन अगर विपक्ष हावी होने की कोशिश करेगा तो उन्हें जवाब दिया जाएगा.