इस तरह की वेबसाइट के अधिकतर रजिस्ट्रेशन विदेशों के होते है. इसलिए इन्हें पकड़ना भी मुश्किल होता है. ये लोग किसी एक जगह से सेक्स रैकेट नहीं चलाते. बस फ़ोन और इन्टरनेट के ज़रिये ही सारा काम होता है. लड़कियों को भी ये कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से बुलाते है. मतलब इनका कोई परमानेंट पता ठिकाना नहीं होता. ग्राहक की ज़रूरत के हिसाब से काम होता है.
देखा आपने किस तरह से ये नए ज़माने की वेश्यावृत्ति कुकुरमुत्तों की तरह फ़ैल रही है और आसानी से पैसा कमाने के लालच में कितनी ही लड़कियां जिस्म का सौदा करने से भी नहीं हिचकती. वेश्यावृत्ति के इस नए गोरखधंधे पर लगाम लगाना बहुत ही मुश्किल है. सुना है अब तो ये धंधा फेसबुक के जरिये भी होने लगा है.