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दुर्योधन से एक गलती नहीं हुई होती तो उसको भगवान कृष्ण भी नहीं मार सकते थे !

महाभारत का युद्ध एक ही कुल और परिवार के बीच हुआ था ऐसा हमें यह महाभारत ही बताता है.

यहाँ पर सभी आपस में जुड़े हुए थे. कोई किसी का गुरु था तो कोई भाई था. लेकिन फिर भी यहाँ अधर्म का खेल हुआ. छल और कपट से एक दुसरे को मारा गया. जमीन का टुकड़ा व राज गद्दी  के लिए यहाँ लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी.

लेकिन क्या आपको पता  है कि दुर्योधन की एक गलती ही उसकी मौत की वजह बनी थी?

अगर दुर्योधन यह गलती नहीं करता तो निश्चित रूप से कृष्ण भी उसको मार नहीं सकते थे.

तो आइये जानते हैं कि वह क्या गलती थी जो अगर दुर्योधन से नहीं होती तो वह भीम के हाथों मरता नहीं-

जब दुर्योधन अपनी माँ के सामने नंगा गया था

जैसा कि आप सभी ने यह पढ़ा भी होगा और देखा भी होगा कि जब महाभारत के युद्ध में सभी कौरव मर चुके थे और  तब केवल दुर्योधन ही जीवित था.  तब दुर्योधन की माँ गांधारी ने अपनी आँखों की पट्टी खोलकर दुर्योधन के शरीर को वज्र का करना चाहा. यहाँ पहले यह जानना जरूरी है कि गांधारी को भगवान शिव से यह वरदान था कि वह जिस किसी को भी अपने नेत्रों की पट्टी खोलकर नग्नावस्था में देखेगी, उसका शरीर वज्र का हो जायेगा. इसीलिए गांधारी को जब लगा था कि अब केवल उसका एक ही पुत्र जिन्दा है तो उसने अपने पुत्र दुर्योधन से कहा कि वह गंगा में स्नान करने के पश्चात उसके सामने नग्न अवस्था में उपस्थित हो.

लेकिन यहाँ पर फिर एक बार कृष्ण के जाल में दुर्योधन फँस जाता है और कृष्ण दुर्योधन को कहते हैं:-

क्या वह इस अवस्था में अपनी माँ के सामने जायेंगे?

क्या तुम्हें लज्जा नहीं आती?

इस पर दुर्योधन ने अपनी जंघा पर पत्ते लपेट लिए और गांधारी के समक्ष उपस्थित हुआ था. जब गांधारी ने अपने नेत्रों से पट्टी खोलकर उसे देखा तो उसकी दिव्य दृष्टि जंघा पर नहीं पड़ सकी, जिस कारण दुर्योधन की जंघाएँ वज्र की नहीं हो सकीं थी. और याद करें कि जब भीम व् दुर्योधन में युद्ध हो रहा था तो भीम ने गदा से दुर्योधन की जाँघ पर प्रहार किया था.

तो यह एक गलती ही दुर्योधन के लिए बहुत भारी पड़ गयी थी. जब दुर्योधन को दूसरों की सुननी चाहिए थी तब उस व्यक्ति ने किसी की सुनी नहीं थी और जब नहीं सुननी चाहिए थी कोई बात तो तब वह कृष्ण की बात मान लेता है.

इसलिए ही बोला जाता है कि व्यक्ति को दूसरों की सलाह भी सही समय पर ही माननी चाहिए.