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अब सिर्फ महिलाएं ही नहीं – पुरुष भी जुड़ रहे है देहव्यापार से

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वो दिन अब लद चुके है, जब सिर्फ तवायफ़ के पास जाने को लेकर सिर्फ पुरुष ही बदनाम हुआ करते थे.

अब महिलाएं भी अपनी सेक्सुअल डिज़ायर पूरी करने के लिए मेल प्रोस्टीट्युट्स की सर्विस लेनी लगी है क्योंकि अब पुरुष भी जुड़ रहे है देहव्यापार से

अपनी खुबसूती का फ़ायदा उठा रहे हैं पुरुष
ऐसा नहीं है सभी खुबसूरत मर्द देह व्यापार से जुड़े हुए है. लेकिन एक अच्छी फ़िजिक, पर्सनेलिटी और खुबसूरत चेहरे वाले पुरुषों की डिमांड काफी बढ़ गई है. ख़ासकर महानगरों में तो इसका चलन और भी बढ़ गया है जहां तेजी से ओपन कल्चर बढ़ रहा है. जल्दी से जल्दी पैसा कमाने की चाह में ये क्षेत्र पुरुषों को खूब लुभा रही हैं.

विदेशों से शुरु हुआ मेल एस्कॉर्ट्स का कल्चर
विदेशों में जिन महिलाओं के पास बॉयफ्रेंड बनाने या शादी करने का वक्त नहीं, या फिर जो महिलाएं अपनी रिलेशनशिप से खुश नहीं है वो मेल एस्कार्ट्स की सर्विस ले रही है. एक इंग्लिश डेली के सर्वें के मुताबिक 30 से 40 एज ग्रुप की महिलाएं मेल एस्कॉर्ट की सर्विस लेने में सबसे आगे है. इसके लिए वो अच्छे से अच्छा दाम देने के लिए भी तैयार हो जाती हैं.

ब्रिटिश रिसर्चरों के मुताबिक पिछले पांच सालों में मेल एस्कॉर्ट की डिमांड बढ़ी है. फीमेल एस्कॉर्ट की तुलना में यह आंकड़ा तीन गुना अधिक है. सर्वे में कहा गया  है कि साल 2010 में 5,246 मेल एस्कॉर्ट के विज्ञापन साइट्स पर थे लेकिन अब इनकी संख्या 15,732 पहुंच गई है.

वहीं फीमेल एस्कॉर्ट के विज्ञापन 11 हजार से बढ़कर 28 हजार हो गए है .

भारत में भी देह व्यापार से जुड़ रहे है पुरुष

हाल ही में हैदराबाद में एक नई मार्केटिंग इंटेलिजेंस युनिट ऑफ क्राईम ब्रांच इस बिज़नेस और इससे जुड़े अपराधों का पर्दाफ़ाश करने में जुटी हुई हैं. ये काम पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा हैं.

एक डेली न्यूज़ वेबसाईट के हवाले से हर मेल एस्कॉर्ट 5 हज़ार से 30 हज़ार इस काम के लिए चार्ज करते हैं. ये चार्ज टाईम पर भी डिपेंड करता है. एक ही साल में इस जुर्म के 36 केसेस रजिस्टर किए गए हैं.

ऐसा नहीं हैं कि प्रोस्टीट्युट्स की तरह मेल एस्कार्ट को ये काम करने में हिचक नहीं होती हैं. ये मेल एस्कॉर्ट भी कई तरह की सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ के शिकार हो रहे है. साथ  ही समाज से अलगाव की भावना और डिप्रेशन जैसी समस्याओं ने इन्हें घेरकर रखा हुआ है.