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कहानी उस निजाम की जिसने 5 टन सोना देकर की थी इंडियन आर्मी की मदद।

मीर उस्मान अली

मीर उस्मान अली – आज हम आपको एक ऐसे देश भक्त की कहानी सुनाने जा रहे है जिसने मुसीबत के समय में देश के लिए अपने खजाने के ताले खोल दिए थे।

जी हाँ हमारे देश में ऐसे महान लोग हुए है जिन्होंने अपनी जान देकर देश को आजाद करवाया तो ऐसे लोग भी हुए है जिन्होंने मुसीबत के समय में अपना सब कुछ न्यौछावर करके देश की इज्जत बचाई है।

ये बात आज से 53 साल पहले 1965 की है जब मीर उस्मान अली हैदराबाद रियासत के अंतिम निजाम थे।

उस समय मीर उस्मान अली विश्व के सबसे अमीर लोगों में शुमार थे। मीर उस्मान अली उस समय दुनिया के इतने अमीर शख्स थे कि उनकी कुल संपत्ति अमेरिका की अर्थव्यवस्था का 2 प्रतिशत थी। इसी के चलते टाइम पत्रिका ने 1937 में उनकी फोटो को अपनी मैगजीन के कवर पर लगाई थी। 

जब चीन ने खड़ी की मुसीबत-

1965 की बात है जब भारत पाकिस्तान से युद्ध जीता ही था की उसे चीन ने आंखें दिखाना शुरू कर दिया था। उस समय तिब्बत को आजाद करवाने के लिए चीन ने भारत को चुनौती दे डाली। क्योंकि अभी हाल ही में भारत एक युद्ध से गुजरा ही था इसलिए चीन दूसरा युद्ध अनुचित था। हालाँकि ऐसे समय में भी भारतीय सैनिकों में किसी तरह के जोश की कमी नही थी। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी हथियार और गोला बारूद की। उस समय भारत सरकार धन की कमी से जूझ रही थी। क्योंकि पाकिस्तान के साथ युद्ध में काफी धन खर्च हो चुका था। तब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने सेना की मदद के लिए भारतीय रक्षा कोष की स्थापना की और उन्होंने लोगों से सेना की मदद की अपील की।

 मीर उस्मान अली

मुसीबत के समय में सामने आए निजाम-

प्रधानमंत्री शास्त्री ने रेडियो द्वारा लोगों और राजे-रजवाड़े से सेना के लिए मदद मांगी। प्रधानमंत्री की इस बात को हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली भी सुन रहे थे। उन्होंने तुरंत शास्त्री जी को हैदराबाद आने के लिए निमंत्रण भेज दिया। निजाम का निमंत्रण मिलते ही शास्त्री जी तुंरत ही हैदराबाद पहुंच गए। निजाम उस्मान अली ने उनका बेगमपेठ एयरपोर्ट पर स्वागत किया। शास्त्री जी ने निजाम को पूरी बात बताई निजाम ने बिना सोचे अपना खजाना भारत की रक्षा के लिए खोल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा कोष के लिए 5 टन सोना देने का ऐलान कर दिया। निजाम ने पीएम शास्त्री के सामने 5 टन सोने के बक्से रखकर मुस्कुराते हुए बोले मैं ये पांच टन सोना भारत की सेना के लिए दान कर रहा हूँ, इसे स्वीकार करें और निडर होकर जंग लड़ें, हम जरूर जीतेंगे।

मीर उस्मान अली

इसके बाद निजाम के चर्चे दुनिया में होने लगे-

निजाम उस्मान अली की इस दरियादिली की खबर जैसे ही मीडिया को लगी वैसे ही पूरे देश में इसके चर्चे होने लगे। हर किसी ने निजाम उस्मान अली की इस दरियादिली की न सिर्फ तारीफ की बल्कि उन्हें धन्यवाद भी कहा। विदेशी मीडिया ने भी इस घटना को कवर किया जिससे निजाम के चर्चे पुरी दुनिया में होने लगे।

मीर उस्मान अली

ये थे मीर उस्मान अली – ये दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा दान माना गया है क्योंकि 5 टन सोने की कीमत आज के समय में करीब 1600 करोड़ रूपये होती है। ये किसी एक व्यक्ति द्वारा एकमुश्त किया गया अब तक का सबसे बड़ा दान माना गया।