ENG | HINDI

अगर आप युवा है तो इस समय नरेंद्र मोदी आप को ढूंढ रहे हैं ! जानिये क्यों !

एमसीडी चुनाव

अगर आप दिल्ली के युवा हैं और भाजपा से जुड़े हैं तो तैयार हो जाइए.

हो सकता है कि आगामी दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी चुनाव में आप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इनायत हो जाए.

क्योंकि भाजपा आगामी एमसीडी चुनाव में किसी भी मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देगी. साथ ही पार्टी ने यह तय किया है कि इन पार्षदों के किसी रिश्तेदार को भी टिकट नहीं मिलेगा.

खबर है कि भाजपा इस बार इन चुनावों नए लोगों के साथ युवाओं को बड़ी संख्या में टिकट देने जा रही है. दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि बहुत सोच-समझकर पार्टी ने यह निर्णय किया है.

जानकारों का कहना है कि भाजपा में जो नए प्रतिभाशाली युवा हैं उनको आगामी एमसीडी चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए. क्योंकि भाजपा ने जिस प्रकार किसी भी पुराने और मौजुदा पार्षद को टिकट नहीं देने का जो फैसला किया है उसके पीछे बहुत सोची समझी रणनीति है.

भाजपा का मानना है दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और उनकी आप से मुकाबला करने के लिए पार्टी में नई जेनरेशन के लोगों को आगे लाना बहुत जरूरी है.

इसलिए संभावना है पार्टी इन चुनावों में 30 से 40 वर्ष के प्रत्याशियों को बड़ी तादाद में टिकट देकर उनको भी एक मौका दे.

क्योंकि अक्सर देखा गया है पार्टी में नए लोगों को बहुत कम मौका मिल पाता है. पुराने जमे जमाए लोग नए और युवा लोगों को आगे बढ़ने का कोई मौका नहीं देते हैं. यही कारण है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तिवारी ने कहा है कि सभी को नए लोगों के राजनीति में आने का स्वागत करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को योग्यता के अनुसार ही टिकट मिलेगा.

तिवारी ने कहा कि हो सकता है कि इस फैसले से पार्टी के पुराने लोगों को तकलीफ हो सकती है, लेकिन नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए.

दरअसल, यूपी में भाजपा की शानदार जीत के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एमसीडी चुनाव पर अपनी नजरें टिका ली हैं.

शाह इन चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं.

जानकारों का मानना है कि शाह की कोशिश है कि अब समय आ गया है कि पार्टी में नए और उर्जावान लोगों को अवसर दिया जाना चाहिए.

इसलिए उन लोगों के लिए राजनीति में हाथ अजमाने का एक बेहतरीन अवसर है जो लंबे समय से भाजपा में काम करते रहे हैं और मेहनत करने के बावजूद कोई सिफारिश या पार्टी में कोई गॅाडफादर नहीं होने के कारण उनकी दावेदारी कोई महत्व नहीं दिया जाता था.