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फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग ने नीम करोली बाबा के चमत्कार से सबको वाकिफ कराया !

नीम करोली बाबा के चमत्कार

नीम करोली बाबा अचानक पहुंचे थे भक्त के यहाँ और दूसरे विश्वयुद्ध में फंसे बेटे को वापिस घर ले आये! नीम करोली बाबा के चमत्कार !

नीम करोली बाबा को आज भी अधिक लोग समझ नहीं पाए हैं.

फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने जब नीम करोली बाबा के चमत्कार से सबको वाकिफ कराया था, तब बाबा को खोजने का प्रयास जरुर किया गया था.

किन्तु नीम करोली बाबा का पूरा ही जीवन चमत्कारों से भरा रहा है.

आज हम आपको बाबा के कुछ अनोखे चमत्कारों से वाकिफ कराने वाले हैं. यहाँ बताये गये चमत्कार लेखक संजय तिवारी जी द्वारा बताये गये हैं.

तो आइये पढ़ते हैं नीम करोली बाबा के चमत्कार –

दूसरे विश्व युद्ध में से सुरक्षित लौट आया बेटा

महाराज जी अचानक से फतेहगढ़ पहुंच जाते हैं. यहाँ वह एक बुजुर्ग दंपत्ति के घर रुकते हैं. यह बात कुछ 1943 की है. दम्पति से बाबा बोलते हैं कि वह रात में यहीं रुकेंगे. दोनों दंपत्ति महाराज जी के शिष्य थे. दोनों को खुशी तो हुई लेकिन तकलीफ यह थी कि घर में महाराज जी की सेवा करने के लिए कुछ खास न था. खैर जो कुछ था, प्रसाद पाकर महाराज जी चारपाई पर लेट गये और कंबल ओढ़कर सो गये. दोनों बुजुर्ग दंपत्ति को क्या नींद आती. वहीं बैठे रहे उनकी चारपाई के पास. महाराज जी भी सोये नहीं. कंबल ओढ़कर रातभर कराहते रहे. जैसे कोई उन्हें मार रहा है. भोर में महाराज जी उठे और चादर को लपेटकर बुजुर्ग दंपत्ति को दिया, यह कहते हुए कि इसे गंगाजी में प्रवाहित कर दो लेकिन इसे खोलकर देखना मत, नहीं तो फंस जाओगे. उन्होंने वैसा ही किया. जब वे चादर लेकर नदी की तरफ जा रहे थे तो उन्हें यह महसूस जरूर हुआ कि इसमें लोहे का सामान रखा हुआ है. खैर महाराज जी का आदेश था इसलिए खोलकर देखा नहीं. जाते हुए उन्होंने कहा, चिंता मत कर. महीनेभर में तुम्हारा बेटा लौट आयेगा.

करीब हफ्तेभर बाद दंपत्ति का इकलौता पुत्र बर्मा फ्रंट से लौटा.

वह ब्रिटिश फौज में सिपाही था और दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त बर्मा फ्रंट पर तैनात था. उसने घर आकर कुछ ऐसी कहानी बताई जो किसी को समझ नहीं आयी. उसने बताया कि करीब महीने भर पहले एक दिन वह दुश्मन फौजों के साथ घिर गया था. रातभर गोलीबारी हुई. उसके सारे साथी मारे गये. सिर्फ वह बच गया. कैसे बच गया, पता नहीं. लेकिन उस गोलीबारी में उसे गोली नहीं लगी. रातभर वह जापानी दुश्मनों के बीच जिन्दा बचा रहा. भोर में जब और अधिक ब्रिटिश टुकड़ी आई तो उसकी जान बच गयी. यह वही रात थी जिस रात महाराज जी उस बुजुर्ग दंपत्ति के घर रुके थे.

(यह चमत्कार लेखक संजय तिवारी जी द्वारा बताया गया है)

रिचर्ड अलपर्ट ने जो किताब लिखी उसका नाम ही रखा, “मिराकल आफ लव”. प्यार के चमत्कार. इस किताब में बाबा के अनोखे चमत्कारों के बारें में बताया गया है. ऐसा ही एक नीम करोली बाबा के चमत्कार जिसने लखनऊ में एक मुस्लिम भक्त के साथ किया था.

बाबा का मुस्लिम भक्त –

ऐसा भी एक चमत्कार लखनऊ में हुआ, जब बाबा अपने कुछ भक्तों के साथ राह चलते हुए रुकते हैं और एक रिक्शेवाले को आवाज देकर बुलाते हैं. बाबा अपने एक भक्त के साथ रिक्शे पर बैठते हैं और उसको अपने घर ले जाने के लिए बोलते हैं.

रिक्शे वाला बोलता है कि बाबा मैं तो मुसलमान हूँ और मेरे यहाँ कैसे जा सकते हैं? तब बाबा का रिक्शे वाला को उत्तर था कि तेरी बीबी काफी समय से बीमार है ना, इसलिए हम को अपने घर ले चलो.

नीम करोली बाबा रिक्शे वाले के घर जाते हैं और कुछ ही समय बाद इसकी पत्नी सही हो जाती है.

इस तरह से नीम करौरी बाबा के चमत्कारों की लिस्ट काफी बड़ी है.

आज बेशक बाबा समाधी ले चुके हैं किन्तु भक्तों के कष्ट बाबा आज भी खत्म कर रहे हैं. वैसे नीम करोली बाबा को हनुमान का ही रूप बताया गया है.