ENG | HINDI

करोड़पति क्रिकेटर का पिता होकर भी बेच रहा है घूम-घूम कर बिस्किट

मुथैया मुरलीधरन

मुथैया मुरलीधरन – पिता एक ऐसा रिश्ता निभाता है जिसमें वह महसूस तो सब कुछ एक माँ की ही तरह करता है लेकिन कभी उसे जाहिर नहीं होने देता.

एक पिता का सफर कितनी मुश्किलों से भरा होता है ये तो सिर्फ वही जानता है. क्योंकि अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए ना जाने एक पिता क्या-क्या संघर्ष नहीं करता. वह अपने बेटे की सभी ख्वाहिशों को पूरा करता है और कभी उसे किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने देता.

अपना पेट काटकर अपनी औलाद का पेट भरने वाला वही पिता बुढ़ापे में केवल एक ही उम्मीद रखता है की उसका वही बेटा उसका सहारा बने और उसके साथ रहे, लेकिन एक बार अपने पैरों पर खड़े होने के बाद बेटा अपने सभी फर्ज भूल जाता है और अपनी ही दुनिया में मशगूल हो जाता है. एक पिता जिसने अपनी आधी जिंदगी अपने बेटे का भविष्य बनाने में निकाल दी आज को वही गुजारे के लिए रोजगार भरी जिंदगी बिता रहा है.

मुथैया मुरलीधरन

हर किसी के नसीब में शायद पढाई-लिखाई और कपड़े, घर व दो वक्त की रोटी नहीं लिखी होती लेकिन इन सभी को मुमकिन करता है घर का मुख्य पिता, जो अपनी औलाद की हर फरमाइश को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. अपने बच्चे की किसी भी जरूरत को पूरी करने के लिए वह कभी पैसों की कमी नहीं देखता और ना ही अपने बच्चों को वो कमी कभी महसूस होने देता. हरे पिता की ख्वाहिश होती है की उसका बेटा बड़ा होकर उसका सहारा बने लेकिन आज के इस दौर में किसी को अपने माता-पिता तक की नहीं पड़ी.

आज हम आपको एक ऐसी ही औलाद के बारे में बताने जा रहे हैं जो खुद तो दुनिया का महान गेंदबाज है लेकिन उसके पिता आज भी बिस्कुट बेचने पर मजबूर हैं.

मुथैया मुरलीधरन

खिलाडी का नाम जानकर आप हैरान हो जाएंगे, क्योंकि यह कोई ऐरा-गैरा गेंदबाज नहीं बल्कि विश्व का महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन है. बता दे की मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका के बेहतरीन गेंदबाज हैं जिनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं और साथ ही ये एक करोड़पति खिलाडी भी हैं. लेकिन इसके बावजूद उसके पिता माली हालत में हैं और इतने बुढ़ापे में बिस्किट बेचने पर मजबूर हैं.

आपको बता दे की इस बात का खुलासा तब हुआ जब श्रीलंका के एक बड़े अखबार ने मुथैया मुरलीधरन के पिता चिन्ना स्वामी का इंटरव्यू लिया. चिन्ना स्वामी ने बताया कि अपने बेटे का इतना नाम और शोहरत होने के बाद भी उन्हें बिस्किट बेचने पड रहे हैं. जहा एक तरफ उनका बेटा एक बडी़ बिस्किट कंपनी का ब्रांड एम्बासडर है वही दूसरी ओर उसके पिता को इतने बुढ़ापे में भी सड़कों पर बिस्किट बेचने पड रहे हैं. मुथैया मुरलीधरन खुद को एक आलीशान बंगले में शान-ओ-शौकत की जिंदगी जी रहे हैं लेकिन उसके पिता एक सफेद लुंगी में अपना बिस्किट का व्यापार चलाते हैं.

चिन्ना स्वामी ने अपने बेटे की इज्जत पर कोई आंच ना आए इसलिए श्रीलंका के अखबार और अन्य मीडिया को ज्यादा बाते बताने व टीवी इंटरव्यू लेने से इनकार कर दिया. अब आप ही सोचिए एक तरफ ये पिता आज भी अपने बेटे की इतनी परवाह करता है और दूसरी तरफ उस बेटे को कोई फर्क तक नहीं पड़ता.