ENG | HINDI

मुंबई का एक मामूली चिंदी चोर ऐसे बन गया जुर्म का बेताज बादशाह !

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम

साल 1979 का एक मामूली का चिंदी चोर, 90 के दशक में रातों रात मुंबई का सबसे बड़ा डॉन बन जाता है.

समय बीतता है और यही चिंदी चोर जो कभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों की हेरा-फेरी किया करता था वह गली से निकलकर विश्व का नामी सट्टेबाज बन जाता है.

जी हाँ हम बात कर रहे हैं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की जो 1993 के मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है.

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम इन दिनों अपने कामों की वजह से भारत से बाहर रहता है. पाकिस्तान इसकी आज मुख्य जगह है. कभी एक समय ऐसा था जब छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम एक साथ मिलकर काम किया करते थे. दोनों दोस्त मुंबई में बड़े-बड़े सपने मिलकर देखा करते थे लेकिन मुंबई बम धमाकों के बाद छोटा राजन, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम का साथ छोड़ देता है.

दाउद इब्राहिम की कुंडली

जब लोगों ने दाऊद इब्राहिम की कुंडली खोली तो यहाँ वाकई हैरान कर देनी वाली बातें मिली. सबसे पहले तो पता चला कि दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर, 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था. उसके बाद पुलिस को पता चला कि जो चिंदी चोर आज मुंबई में सबको परेशान कर रहा है उसका उसका असली नाम शेख दाउद इब्राहिम कास्कर है. इसके बाद जो बात मालूम हुई वह वाकई परेशान करने वाली थी. खुफियां एजेंसियों को पता चला कि दाऊद इब्राहिम के पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में हवलदार थे. पुलिस वाले का बेटा स्कूल के दिनों से ही चोरी और नशे की लत में पड़ा हुआ है. बाप ने बेटे को काफी पीटकर सुधारने की कोशिश भी की थी लेकिन बेटे को जैसे चोरी की लत पड़ गयी थी. माँ-बाप ने बेटे की शादी भी करा दी थी कि शायद शादी के बाद बेटा सुधर जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बेटे को तो चोरी से अच्छा कोई धंधा ही नहीं लगता था.

80 के दशक में दाउद इब्राहिम करीम लाला के यहाँ काम करने लगा था. मुंबई की गलियों में चोरी और हफ्ता वसूलने वाला दाउद इब्राहिम धीरे-धीरे करीम लाला का काफी नजदीक पहुँच गया और तब करीम लाला ने दाउद इब्राहिम को फिल्म की दुनिया के काम सौंप दिए. यह वह समय था जब मुंबई पुलिस को मालूम हो गया था कि दाउद इब्राहिम इस समय मुंबई के चोरों का राजा बन गया है.

हत्या, डकैती, लूट और अपहरण जैसे कामों से दाउद इब्राहिम काफी मोटी रकम कमाने लगा था.

छोटा राजन जब मिला –

80 के मध्य की शुरुआत में वह समय भी आया जब दाउद इब्राहिम छोटा राजन से मिला और दोनों के बीच दोस्ती ऐसी हुई जैसे दोनों भाई हों.

दाउद इब्राहिम की बहन राजन को भाई मानने लगी और राजन भी दाउद इब्राहिम को अपना ख़ास दोस्त मान चुका था. दाउद इब्राहिम और छोटा राजन एक समय बाद भारत के बाहर काम करने लगे थे. चोरी और नशे का काम जोर पकड़ने लगा था. असल में कई जगह ऐसा जिक्र भी है दाउद इब्राहिम भारत के बाहर व्यापार करने में सफल तभी हुआ जब उसको छोटे राजन का साथ मिला था. वैसे दाउद साल 1984 में ही भारत से बाहर भाग गया था लेकिन कभी-कभी वह भारत आता रहता था.

लेकिन मुंबई बम धमाकों के बाद से दाउद इब्राहिम को जैसे सभी डॉन मानने लगे थे.

भारत से बाहर भागकर दाउद इब्राहिम पाकिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में नाम बदलकर रहने लगा था. यहाँ तक कि बोला जाता है कि दाउद इब्राहिम ने कई बार अपनी फेस सर्जरी भी कराई है.

लेकिन इस तरह से गली का एक मामूली का चोर जिसे कई बार पुलिस ने ऐसे ही छोड़ दिया था, आज वही व्यक्ति अंडरवर्ड का डॉन बना हुआ है.

खुद डॉन भी नहीं जानता था कि एक दिन वह इस मुकाम पर पहुँच जायेगा.