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अपने बाप के हत्यारे मोहम्मद तुगलक का सारा काला चिट्ठा !

मोहम्मद तुगलक

तुगलक वंश का सबसे अधिक प्रसिद्ध शासक मोहम्मद तुगलक रहा है.

मोहम्मद तुगलक इसलिए भी अधिक प्रसिद्ध हुआ क्योकि इसने अपने पूर्वजों की तुलना में हिन्दुओं पर सबसे अधिक अत्याचार किये थे.

आज आपको मुहम्मद तुगलक का सारा सच बतायेगा. ऐसा सच जो आपने ना पढ़ा होगा और ना ही आपको किसी ने बताया होगा –

पिता का कातिल बन गया था राजा –

अब आप खुद एक बात सोचिये कि जो शासक अपने पिता का क़त्ल करता है, क्या उसके इतिहास को हमारे बच्चों के सामने रखना चाहिए? छोटे-छोटे बच्चे इतिहास की किताब में क्या पढ़ते हैं कि पिता का हत्यारा राजा बना था. इस बात पर ना जाने क्यों किसी का ध्यान नहीं जाता है. चलिए आगे बढ़ते हैं इतिहास की पुस्तकें तुगलक के बारें में कहती हैं कि यह राजा खून का पिपासु था, इसका अर्थ है कि यह खून का प्यासा था. लेकिन समस्या यह रही कि इस खूनी शासक की खूनी योजनाओं को काफी बढ़ाकर पेश किया गया है. किताबें कहती हैं कि तुगलक अपनी प्रजा को ही खीरे-ककड़ी की तरह काट देता था.

मोहम्मद तुगलक की विचित्र योजनायें

मोहम्मद तुगलक की योजनायें भी उसी की तरह से विचित्र ही थीं. जैसे कि दोआब में कर की बढ़ोतरी, राजधानी परिवर्तन, तांबे के सिक्के चलाना, खुरासान पर आक्रमण, कराजल पर हमला करने के लिए सैनिक भर्ती. तुगलक में कर लेने के लिए किसानों पर काफी अत्याचार किये थे. गरीब किसान को सरेआम तलवार से काटा गया था. खासकर हिन्दू किसानों पर तो तुगलक ने काफी अत्याचार किये थे. राजधानी का जब परिवर्तन हुआ तो उस समय कुत्ते-बिल्ली की तरह लोगों को मारा गया था.

आप अगर यकीन ना करें तो आप एसामी का इतिहास पढ़िए और यहाँ लिखा है कि तुगलक में दिल्ली की जनता पर बेहिसाब अत्याचार किये थे. यहाँ तक कि नगरों और बस्तियों में आग लगा दी जाती थी.

हिन्दू पवित्र स्थानों को तोड़ा गया और मजार बनाई गयीं-

मोहम्मद तुगलक का जो दिमाग था वह यही था कि भारत को मुस्लिम बनाना है. हिन्दू धर्म को ख़त्म करने के लिए ही तुगलक काम कर रहा था. हिन्दू पवित्र मंदिरों को तोड़कर मुसलमान के लिए कब्रिस्तान बनाये गये और गली-गली में घरों को आग लगाकर मजारें बनाई गयी थीं. तांबे के सिक्के इसलिए चलाए गये थे ताकि हिन्दू जनता गरीब हो जाये. अपने सामान को बेचकर यह लोग तांबे के सिक्के खरीद रहे थे और जनता गरीब हो रही थी. धर्म परिवर्तन कराना भी मोहम्मद तुगलक की किताब में लिखा हुआ था.

डा. सतीश चन्द्र मित्तल की पुस्तक मुस्लिम शासक और भारतीय जन समाज के अन्दर तुगलक के इतिहास को खुलकर बताया है. यह लिखा है कि कैसे हिन्दू जमीदारों को बर्बाद करने के लिए तुगलक ने कर लगाया और राजधानी परिवर्तन कर सारा खेल खेला था. असल में तुगलक जैसा राजा जो अपने बाप का कातिल था वह किसी का हो ही नहीं सकता था.

किन्तु जिस तरह से स्कूल की किताबों में बाप के कातिल को भगवान की तरह पेश किया है वह वाकई गलत है.