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धोनी और कोहली ने छेड़ा आन्दोलन – आखिर कौन है जो इनकी मांगे नहीं सुन रहा है!

MS Dhoni and Virat Kohli

विश्व की नंबर एक क्रिकेट टीम इंडिया की बातें आईसीसी नहीं सुन रहा है.

बीसीसीआई सुनकर भी इस बात को उठा नहीं रहा है तो अब ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम पर एक रास्ता बचा हुआ था और वह था आन्दोलन. तो इस बात का जिम्मा उठाया है टीम के कप्तान और उप कप्तान ने. कप्तान धोनी और विराट कोहली ने खुलकर अंपायरिंग के खिलाफ बोलना शुरू किया है.

मामला यह है कि जब पाकिस्तान और भारतीय टीम के खिलाफ मैच हो रहा था तो कप्तान धोनी ने विकेट के पीछे एक कैच किया था साफ़-साफ पता लगा था कि गेंद बल्ले को छुकर गयी है और आवाज भी आई थी लेकिन अम्पायर को यह आवाज नहीं सुनाई दी थी. तब धोनी का कहना है कि अम्पायर के एक कान पर इयरपीस लगा होने की वजह से अब वह सही से आवाज नहीं सुन पा रहे हैं. लेकिन जब में गेंदबाजों से कुछ कहता हूँ तो सब कुछ सुनाई दे जाता है.

आईसीसी को ईयरपीस पर जल्द रोक लगानी चाहिए क्योकि पिछले कुछ समय से ऐसा हुआ है जब अक्सर अम्पायर विकेट के पीछे की आवाजों को नहीं सुन पा रहे हैं.

जब धोनी ने यह कहा तो इस युद्ध में विराट कोहली भी आ गये और उन्होंने भी अपने कप्तान की मांग को सही बताते हुए इस पर रोक लगाने की बात बोली है.

कोहली पर लगा जुर्माना:-
पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में विराट कोहली जब पगबाधा आउट दिए गये थे तो वह अंपायर के फैसले से नाखुश थे तो इसके चलते उन पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. वैसे इस फैसले से टीम का कोई भी सदस्य खुश नहीं है क्योकि तब कोहली बेशक निराश थे लेकिन उन्होंने अंपायर को कुछ नहीं बोला था. अंत में तो कोहली खुद हँसते हुए मैदान से गये थे. अब वह मैच भी ऐसा ही था कि कोई भी खिलाड़ी वहां आसानी से आउट होकर बाहर नहीं जाना चाहता था लेकिन अंपायर ने इसकी शिकायत की और कोहली पर जुर्माना किया गया है.

अभी धोनी चुप जरूर है ताकि उनको प्रतिबंध न देखना पड़े:-
कप्तान धोनी मैच के अन्दर जिस तरह की तकनीक उपयोग की जा रही हैं उसको लेकर खुश नहीं है लेकिन वह मजाक-मजाक में अपनी बात रख रहे हैं. धोनी खुद बोल रहे थे कि “मैं कुछ ज्यादा बोलता हूँ तो मुझ पर प्रतिबंध भी लग सकता है. लेकिन मेरी आवाजें सब सुनाई दे रही हैं और गेंद-बल्ले की आवाजें अंपायर को नहीं सुनाई दे रही हैं. ऐसा इसीलिए है क्योकि वह एक कान से सुन रहे हैं.”

अब ज्ञात हो कि जल्द ही ट्वेंटी-20 विश्व कप भी शुरू हो रहा है तो इस समय में ऐसा कुछ भी बोलना किसी भी खिलाड़ी के लिए सही नहीं होगा.

लेकिन एक बात तो निश्चित है कि जल्द ही इस तरह की बातें होंगी और बड़े स्तर पर इन तकनीकों का विरोध भी होगा.

अभी तो आन्दोलन बस शुरू ही हुआ है.