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हीराबेन के लाल वाकई तूने कर दिया कमाल

काले धन

एक बात पूरी तरह से साबित हो गई कि जब बात देश हित की हो या फिर आम आदमी से जुड़ा हुआ कोई मुद्दा हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी जो कहते हैं कि राष्ट्र पहले, वह उन्होंने साबित कर दिया है.

देश की अगर बात आएगी तो इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा जोखिम लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

देश में अभी तक कोई प्रधानमंत्री ऐसा नहीं हुआ है जिसने राष्ट्रहित में इतना बड़ा राजनीतिक जोखिम लिया हो. आम आदमी अभी इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता है. भारत और उसकी जनता के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णय के जरिए अपने राजनीतिक हित को दांव पर लगाकर अपने राजनीति जीवन का अभी तक का सबसे बड़ा जोखिम मौल लिया है.

चार महीने बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं. ऐसे में काले धन पर को लेकर जो निर्णय किया है, उससे देश में अफरा तफरी भी मच सकती है. उत्तर प्रदेश और पंजाब आदि राज्य के चुनावो से पहले नरेंद्र मोदी के विरोधी इसका दुष्प्रचार कर लोगों को बरगलाकर चुनाव में उसका लाभ उठाने की कोशिश कर सकते है.

जिससे कठिनाई के कारण मोदी का सर्मथक वर्ग उससे नाराज होकर चुनाव में उनसे दूर भी जा सकता है.

लेकिन मोदी ने इन सब की परवाह नहीं की. उन्होंने राष्ट्रहित में ऐसा कड़ा फैसंला किया जिसका वायदा उन्होंने लोक सभा चुनाव में देश की जनता से किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने विरोधी दल और देश के भीतर और बाहर छिपे लोगों को बता दिया है कि उनकी सरकार जुमलों की सरकार नहीं है. नरेंद्र मोदी इस देश के सवा सौ करोड़ आम आदमी और देश के लिए प्रतिबद्ध है.

जो लोग मोदी से काले धन को लेकर सवाल करते थे उनको अब पता चल गया होगा कि ये मोदी सरकार सूट बूट की सरकार है या आम आदमी की.

नरेंद्र मोदी जानते हैं कि इस कदम से जनता को जो कठिनाई होगी. लोगों की कठिनाई बड़ी तो वह आगामी चुनावों में भाजपा और उनके विरोध में भी जा सकती है. लेकिन बावजूद उसके उन्होंने ये निर्णय उठाया. जबकि कोई भी सत्ता का लालची नेता या राजनीति दल ऐसे नाजुक चुनावी मौके पर इतना जोखिम भरा कदम उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता है.

लेकिन नरेंद्र मोदी ने काले धन और नकली करेंसी को लेकर ऐसा साहसिक निर्णय लिया है जिसने ये साबित कर दिया है वाकई देश ने एक लिडर चुना है डीलर नहीं. जो देश के लिए हर जोखिम उठाने का साहस करता है.

हीराबेन के इस लाल ने साबित कर दिया है कि बाकई वह देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर एक जननेता बैठा है.