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मोदी सरकार ने ऐसा क्या किया कि सेना के लोग नाराज़ हो गए !

सेना के अधिकारियों

आतंकियों खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद न केवल मोदी सरकार सेना से बहुत खुश थी बल्कि सेना भी मोदी सरकार की नीतियों को लेकर खुश थी. लेकिन 18 अक्टूबर में रक्षा मंत्रालय से एक ऐसी चिट्ठी आई जिसके बाद सेना के अधिकारियों के चेहरे लटक गए.

इस चिट्ठी में एक ऐसा आदेश लिखा था जिसके लागू होने के बाद सेना के अधिकारी अभी तक अपने समकक्ष प्रशासनिक अधिकारियों से एक रैंक नीचे आ जाएंगे. जैसे ही यह खबर सेना के लोगों को तक पहुंची कि तो उनको एकाएक झटका लगा.

मोदी सरकार एक ओर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सेना की वाह वाही से लेकर दीवाली पर सैनिकों को शुभकामना संदेश भेजकर ये जताने में लगी है कि वो सेना के हितों को सबसे ज्यादा अहमियत देती है, वहीं दूसरी ओर सरकार सेना के अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे लाकर उनकी अहमियत को ही कम रही है.

इसे लेकर सेना के अधिकारी भले ही मीडिया के सामने कुछ नहीं बोल रहे हो लेकिन उनके अंदर इसको लेकर काफी गुस्सा है. उनको इस बात का दुख है कि मोदी सरकार जिससे उन्हें बहुत उम्मीद है वो सरकार जान-बूझकर सेना के अधिकारियों को सिविल अधिकारियों के मुकाबले नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.

दरअसल, इस चिट्ठी के जरिए जो ओदश लागू होगा उसके मुताबिक, अब सेना के कर्नल रैंक का अधिकारी आर्म्ड फोर्सज हेडक्वार्टर के सिविल अधिकारियों के ज्वाइंट डायरेक्टर के बराबर होगा. जबकि अभी तक सेना का मानना था कि कर्नल एक डायरेक्टर रैंक के अधिकारी के बराबर होता है.

इसी तरह ब्रिगेडियर अब डायरेक्टर के बराबर होगा तो मेजर जनरल अब प्रिंसिपल डायरेक्टर के समकक्ष. पहले ब्रिगेडियर प्रिंसिपल डायरेक्टर और मेजर जनरल संयुक्त सचिव के समकक्ष होता था.

गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से जो चिट्ठी जारी की गई है उसमें कहा गया हे कि इस पर रक्षा मंत्री की अनुमति भी है.

वहीं दूसरी जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार से यदि कोई चूक हुई है तो वह इसमें सुधार करेगी. उनकी सैनिकों को नीचा दिखाने की कोई मंशा नहीं है.

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भरोसा दिलाया कि सेना के अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे नहीं लाया जाएगा. अगर ऐसी कोई विसंगति हुई है तो 7 दिनों के अंदर उसे दूर किया जाएगा.