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एक इज़्ज़तदार नौकरी के लिए कम से कम कितनी पढ़ाई ज़रूरी है?

शिक्षा वो हथियार है जिस से ना सिर्फ़ ज़िन्दगी हँसी-ख़ुशी बीतती है बल्कि समाज में बदलाव के लिए भी इस से बेहतर अस्त्र कोई नहीं हो सकता!

आज के युग में कोई और आपके काम आए या ना आए, पढ़ाई-लिखाई ज़रूर आपके काम आएगी|

लेकिन पढ़ाई हो तो कितनी हो? आखिर एक इज़्ज़तदार नौकरी पाने के लिए कम से कम कितनी पढ़ाई करनी ज़रूरी है?

सबसे पहले यह जान लीजिये कि पढ़ाई की कोई सीमा नहीं है! और हर काम के लिए अलग किस्म की शिक्षा लेनी पड़ती है| जहाँ डॉक्टर बनने के लिए 8-9 साल लग जाते हैं वहीं सादी ग्रेजुएशन आप तीन साल में ख़त्म कर के नौकरी के बाजार में खड़े हो जाते हैं|

तो काम किसे मिलता है?

बदलते वक़्त के अनुसार ज़रुरत है ऐसे लोगों की जो सिर्फ़ पढ़ना-लिखना ना जानते हों पर उनके पास कुछ ऐसी स्किल्स हों जो काम में लायी जा सकें! उदाहरण के तौर पर अगर आपको ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग करनी है तो ग्रेजुएशन आपने किस सब्जेक्ट में किया है, यह ज़रूरी नहीं है| पर हाँ, आपने ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग का कोर्स किया है, डिग्री ली है या डिप्लोमा किया है, यह सबसे ज़रूरी है!

भारत में कंपनियाँ अब भी कम से कम ग्रेजुएशन को तवज्जोह देती ही हैं आपको नौकरी देने के लिए तो समझ लीजिये कि किसी भी सब्जेक्ट में आपका ग्रेजुएट होना ज़रूरी है| लेकिन उसके बाद अगर आपको आगे बढ़ना है, प्रमोशन पानी है, एक मुक़ाम हासिल करना है तो कुछ ऐसी स्किल्स चाहिए ही होंगी जो आपको दूसरों से अलग कर सकें और आपके टैलेंट को सबके सामने ला सकें!

बिना ग्रेजुएशन के कंपनी आपको शायद चपरासी या क्लर्क की नौकरी दे दे लेकिन आप उस से आगे नहीं बढ़ पाएँगे! और एक बात, ऐसा बिलकुल नहीं है कि क्लर्क या चपरासी की नौकरी ख़राब होती है या छोटी है लेकिन उस काम में आपको अपना टैलेंट दिखाने का मौका शायद कभी नहीं मिल पायेगा! सिर्फ़ इसलिए की आपने ग्रेजुएशन नहीं की या ज़्यादा पढ़ाई में मन नहीं लगा, आपको ज़िन्दगी भर ग़म रहेगा कि आप जहाँ ज़िन्दगी में पहुँच सकते थे, वहाँ नहीं पहुँच पाये!

तो सौ बात की एक बात: ग्रेजुएट ज़रूर बनें, भले ही वो आपके लिए एकदम से काम आए या ना आए! हाँ साथ ही साथ वो स्किल्स हासिल करें जिन में आपका शौक़ है, जो आप करना चाहते हैं, जिस में आपको अपना भविष्य नज़र आता है, जो आपका सपना है!

तो पढ़ाई में ध्यान लगाईये हुज़ूर, इसके बिना कुछ नहीं है!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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