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भारतीय सेना रिटायरमेंट के बाद वफादार कुत्तों को इसलिए मार देती है गोली

सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है

सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है – दुनिया में किसी को सबसे ज्यादा वफादार जानवर माना जाता है तो वो है कुत्ते!

यहाँ तक कि आप कुत्तों पर इंसानो से ज्यादा भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुत्तों कि फितरत में ही वफादारी भरी होती है जिसके कारण वह अपनी जान तक जोखिम में डाल कर अपने मालिक को बचाने का जज्बा रखते हैं. दुनिया में कुत्तों कि वफादारी पर कई हॉलीवुड फिल्मे तक बन चुकी हैं.

तो फिर ऐसा क्या कारण हो सकता है कि सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है.

कहा जाता है जब आपका वफादार आपके लिए ही मुसीबत बन जाए तो उसे मारने में ही भलाई है. दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतीय सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है. लेकिन उसे मारने के पीछे कोई ठोस सबूत भी तो होना चाहिए.

तो आइए जानते हैं कि आखिर क्यों सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है.

सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है

पहला कारण

कई सालों तक तो किसी को इस बात के बारे में पता तक नहीं था लेकिन जब एक शख्स को इसके बारे में पता चला तो उसने आरटीआई के जरिए सेना से जवाब मांगा कि रिटायरमेंट के बाद कुत्तों के साथ ऐसा क्यों किया जाता है, तब पता चला कि इसके पीछे सिक्योरिटीरिजन्स हैं. सेना का कहना है अगर उनका वफादार किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ लग गया तो देश के खिलाफ़ है तो उसी कुत्ते की मदद से वह काफी हानि पहुंचा सकता है. सेना के साथ काम करने वाले कुत्तों को उनके सभी खुफ़िया और गुप्त स्थान पता होते हैं, जहां उनके जरिए कोई भी व्यक्ति पहुंच सकता है. 

दूसरा कारण

भारतीय सेना ने दूसरी वजह बताते हुए कहा कि जब कोई भी कुत्ता बीमार पड़ जाता है या उसक स्वास्थ्य ठीक नहीं होता तो उसे पहले तो चेकअप के लिए भेजा जाता है और उसके बाद अगर कोई बीमारी हो तो उसका 1 महीने तक इलाज करवाया जाता है लेकिन यदि उस कुत्ते कि हालत में सुधार नहीं आता तो उसे मार दिया जाता है.

भारतीय सेना से एक सवाल

सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है

जैसा की हम सभी जानते हैं कि कुत्ते भले ही बेजबान होते हैं पर उनके अंदर भी जान होती है. तो फिर क्यों जब वो सेना के लिए काम नहीं कर सकते तो मार दिए जाते हैं? देखा जाए तो वो भी हमारे देश कि उतनी ही रक्षा में मदद करते हैं जीतना कि एक आम नौ जवान, तो फिर क्यों उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन पर नहीं रखा जा सकता? भारतीय सेना के पास इतना फंड तो होता ही है कि वो किसी बेजबान कि जान लेने कि बजाय उनकी देखभाल करें.

इस वजह से सेना का कुत्ता रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है –  दोस्तों सेना में काम करने वाला एक कुत्ता बेहद वफादार होता है और साथ ही सेना के बहुत काम भी आता है. लेकिन जबतक वह सेना और सरकार के काम के लायक है केवल तब तक ही उसकी देखभाल कि जाती है उसके बाद उसे मजबूरन गोली मार दी जाती है. हम सभी को इस के ऊपर सवाल उठाना चाहिए कि आखिर क्यों एक बेजबान जानवर के साथ ऐसा किया जाता है.