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स्कूल के दोस्तों से कई साल बाद मिलना दिमाग़ का दही भी कर सकता है!

friends

कहते हैं स्कूल के दिन सबसे बढ़िया होते हैं!

उन दिनों की यादें जीवन भर चेहरे पर मुस्कान बनाये रखती हैं|

और स्कूल के दिनों के दोस्त शायद ज़िन्दगी में कभी और नहीं बन पाते! नए दोस्त, नए लोग मिलते हैं लेकिन स्कूल जैसे दोस्त, कभी नहीं!

यह बात हो रही थी जिनकी स्कूल की ज़िन्दगी मज़े में गुज़री| लेकिन दोस्तों कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए स्कूल का दौर सबसे ख़राब दौर था! यह वो दिन थे उनके जीवन के जो वो भुला के आगे बढ़ना चाहते हैं! लेकिन क्या करें, उस दौर के कुछ कमीने दोस्त फिर मिल जाते हैं जले पर नमक छिड़कने के लिए!

जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ स्कूल के दोस्तों या यूँ कहिये उन लड़के-लड़कियों की जिन्होंने बचपन में बहुत परेशान किया था| बल्कि बचपन में तो वो दोस्त कहलाने लायक ही नहीं थे! उत्पात मचा के रख दिया था उन्होंने अपनी ही क्लास के कुछ बच्चों की ज़िन्दगी में| किसी के मोटापे तो किसी के कपड़ों तो किसी की सादगी का ख़ूब मज़ाक बनाया गया था और फिर बात हवा में यूँ उड़ा दी गयी थी मानो कुछ हुआ ही ना हो! अब जवानी में मिलते हैं तो ऐसे दिखाते हैं जैसे यादाश्त पर ताले पड़ गए हों!

चलो अगर कोई ऐसा बुरा अनुभव ना भी रहा हो, फिर भी स्कूल के कुछ दोस्त हैं जो जवानी में भी बचपन जिए जा रहे हैं| आये दिन मिलने की दरख़्वास्त करेंगे और जब भी मिलो, वही बचपन के दिन बार-बार याद करेंगे! अरे यार एक बार याद कर लो, दो बार कर लो, हर बार एक ही घिसा-पिटा राग काहे को छेड़ना! ज़िन्दगी आगे बढ़ने का नाम है, पीछे मुड़ के कभी-कभी देख लेना अच्छा होता है, यह नहीं की पीछे मुड़ के बैठ गए और गाडी आगे चलानी है! ठुक जाओगे भैया, थोबड़े का जोग्राफ़िया बदल जाएगा!

ऐसे दोस्तों से मिलना सच में जान पर आता है| अगर मिलते नहीं हैं तो आजकल फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर बमबारी कर देंगे मेसेजेस की! ग्रुप बना के दिन भर रूं-रूं करते रहेंगे, अपने बचपन और अपने बच्चों की तसवीरें बाँटते फिरेंगे कि देखो शक्लें कितनी मिलती जुलती हैं! अरे भाई तुम्हारा बच्चा तुम्हारे जैसा ही दिखेगा ना, या उसके लिए भी किसी टीचर या प्रिंसिपल से ‘गुड बॉय’ या ‘गुड गर्ल’ वाला रिमार्क चाहिए! हद्द है बाय गॉड!

मुझे यक़ीन है कि हम सब स्कूल के दिनों को बहुत मज़ेदार समझते हैं लेकिन थोड़ी दया करो, जिन्हें वो दिन याद नहीं करने, उन्हें बख़्श दो यार!

बाकी लोग लगे रहो इतिहास का पाठ पढ़ने में!