ENG | HINDI

मायावती ने कांग्रेस को दिया ज़ोर का झटका !

बीएसपी

बीएसपी – अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जिस महागठबंधन के भरोसे बैठी थी, उसे मायावती ने ज़ोर का झटका दे दिया है.

वैसे भी माया कब किसी की हुई हैं, वो तो वहीं जाती हैं जहां उनका फायदा होता है. छत्तीसगढ़ में मायावती ने कांग्रेस के विरोधी अजीत जोगी के साथ हाथ मिलाकर कांग्रेस को साफ संकेत दे दिया है कि वो बीएसपी को टेकेन फॉर ग्रांटेड लेने की भूल न करें.

मायावती के इस कदम से आगामी लोकसभी चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

राहुल गांधी जैसे कमजोर नेतृत्व के हाथों पार्टी की कमान सौंपकर कांग्रेस ने पहली ही गलती कर दी, लेकिन अब उसमें सुधार तो किया नहीं जा सकता. कांग्रेस को लगा था कि आगामी लोकसभी चुनाव में नरेंद्र मोदी को हराने के लिए बाकी पार्टियां उसका साथ देगी जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी थी, मगर अब मायावती ने अपने सुर बदल दिए है.

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मायावती ने कांग्रेस के साथ गठबंधन न करके जाहिर है उसे झटका ही दिया है. मायावती ने यूपी में महागठबंधन के साथ ही छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी सम्मानजनक सीटों की मांग की थी. सीट शेयरिंग पर बात नहीं जमने के मायावती ने अजीत जोगी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया.

छत्तीसगढ़ के बाद अब अगर मध्य प्रदेश में भी मायावती कांग्रेस से अलग लड़ने का फैसला करती हैं तो कांग्रेस के सारे मंसूबों पर पानी फिर सकता है. दरअसल, कांग्रेस काफी पहले कांग्रेस-बीएसपी के संभावित गठबंधन का जिक्र कर बीजेपी विरोधी वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगी थी, लेकिन अब उसकी कोशिशों पर पानी फिरता नज़र आ रहा है.

मायावती के नए रुख से यूपी में भी महागठबंधन पर खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि बहन जी को अगर यहां भी मनमुताबिक सीटें नहीं मिली तो बहन जी किसी का साथ नहीं देने वालीं. कुछ दिनों पहले ही मायावती ने साफ कर दिया कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो वह अकेले चुनाव में उतर जाएंगी. भले ही आज यूपी से मायावती के पास एक भी सांसद न हों या 2017 के विधानसभा चुनावों में उनका प्रदर्शन बहुत खराह रहा, लेकिन बीएसपी को यूपी में कोई हल्के में नहीं ले सकता. दलित वोट बैंक आज भी मायावती के पक्ष में है.

मायावती के इस कदम से जहां बीजेपी ने राहत की सांस ली है, वहीं कांग्रेस की सांसे सांसत में पड़ गई है कि यदि इसी तरह बाकी राज्यों में भी मायावती ने साथ छोड़ दिया तो अकेले कांग्रेस राहुल के भरोसे भला क्या कर पाएगी?

Article Categories:
भारत