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मुस्लिम लड़की ने लौटाया गीता पाठ में जीता 11 लाख का ईनाम!

modi-maryam

मानने वालों के लिए धर्म या तो दुसरे धर्म से लड़ने का एक बहाना हो सकता हैं या फिर यही धर्म दुसरे धर्म से दोस्ती करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता हैं और यही बात उत्तरप्रदेश की रहने वाली 12 वर्ष की मरियम आसिफ सिद्धिकी ने हम सब को अपने एक ऐसे काम से समझाने की कोशिश की हैं.

अभी कुछ दिन पहले इस्कॉन मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित किये गए भगवतगीता पाठ में मरियम ने गीता पाठ कर के 11 लाख का इनाम जीता था. इस्कॉन ट्रस्ट द्वारा करायी गयी इस प्रतियोगिता में जब मरियम आसिफ सिद्धिकी ने जीत दर्ज की थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उन्हें दिल्ली बुला कर उनकी जीत के लिए बधाई दी थी. मरियम अपने पिता आसिफ नसीम सिद्धिकी और अपनी माँ फरहान आसिफ सिद्धिकी के प्रधान मंत्री से मिलने पहुची थी.

प्रधानमंत्री मोदी भी जब इस बच्ची से मिले तब अपने ट्वीटर अकाउंट पर मरियम के साथ अपनी तस्वीर लोगो के लिए  शेयर कर के मरियम को बधाई दी. उत्तर प्रदेश की मरियम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक़्त भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और स्वचछता अभियान को अपनी ओर से 11 हज़ार-11 हज़ार रूपए दिए थे.

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मरियम को कई धर्म से जुड़ी पांच किताबे भेंट किया.

मरियम के बारे में बात करते हुए PM मोदी ने कहा की मरियम जैसे युवा हर धर्म और हर युवा के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं. उनके इस तरह दुसरे धर्म के लिए सद्भाव की भावना हम सब के लिए एक सीख हैं.

उत्तरप्रदेश सरकार को मरियम ने गीता पाठ में जीता ईनाम यह कहकर लौटा दिया कि इस राशि का इस्तेमाल ज़रूरतमंद बच्चो की पढाई में करना चाहिए. जून में आयोजित हुई इस गीता पाठ की प्रतियोगिता में मरियम ने 11 लाख की राशि जीती थी. मरियम ने आगे कहा कि मैं चाहती हूँ की हर बच्चे को पढ़ाई करने का पूरा हक हैं और यदि यह सुविधा हर बच्चे को मिल जाये तो देश का भविष्य उज्जवल हो जायेगा. हम सब के हाथ में सिर्फ हमारी पढ़ाई ही रहती हैं और उसी के आधार पर हम अपना भविष्य बदल सकते हैं.

यदि मरियम जैसे युवा इस देश में और हो जाये तो देश में जो धर्म के नाम पर आये दिन उन्माद होते हैं, आये दिन हमारे नेता जो धर्म के नाम का फायदा उठा कर अपना वोट बटोरने का काम करते हैं.

मरियम जैसी सोच यदि सब की हो जाये तो इस देश में नेताओं की ज़रूरत ही न पड़े.