धर्म और भाग्य

सिर्फ इस एक मंत्र का जप करने से आपको मिल सकता है संपूर्ण रामायण पाठ का फल !

रामायण पाठ – हमारे हिंदू धर्म में संपूर्ण रामायण का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है.

यही वजह है कि घर में सुख-समृद्धि और परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और एकता को बढ़ाने के लिए अधिकांश लोग कभी ना कभी संपूर्ण रामायण का पाठ कराते हैं.

ऐसा माना जाता है कि संपूर्ण रामायण का पाठ कराने से इंसान का जीवन खुशियों से भर जाता है और वो मरते दम तक पुण्य का भागी बन जाता है.

हालांकि संपूर्ण रामायण का पाठ कराने में बहुत समय लग जाता है लेकिन आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इतने ज्यादा बिजी हैं कि उन्हें अपने दफ्तर के कामों से ही फुर्सत नहीं मिल पाती है.

अपनी रोजमर्जा की जिंदगी में बिजी होने के चलते कई लोग संपूर्ण रामायण का पाठ नहीं करा पाते हैं लेकिन इसका पुण्य पाने की इच्छा जरूर रखते हैं.

अगर आप भी कम समय में संपूर्ण रामायण पाठ का पुण्य फल प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसा असरदार और प्रभावी मंत्र जिसका नियमित रुप से जप करके आप संपूर्ण रामायण का पूरा फल और पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

इस मंत्र से पाएं संपूर्ण रामायण पाठ का फल

तुलसीदास द्वारा रचित ‘श्री रामचरित मानस’ और वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ ये दोनों ही धार्मिक पुस्तकें ना सिर्फ हिंदू धर्म में खास मायने रखती है बल्कि ये पुस्तके भगवान श्रीराम को पूरी तरह से समर्पित भी हैं.

भगवान श्रीराम को समर्पित इन दोनों पुस्तकों में कई ऐसी बाते हैं जो अलग-अलग हैं लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका उल्लेख सिर्फ वाल्मिकी कृत रामायण में ही मिलता है और रामायण में इस खास और प्रभावी मंत्र का वर्णन मिलता है जो संपूर्ण रामायण का फल देने की क्षमता रखता है.

मंत्र-

आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

इस विधि से करें इस मंत्र का जप

इस मंत्र का विधि-विधान के साथ नियमित रुप से जप करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इसके लिए आपको सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद भगवान श्रीराम का ध्यान और पूजन करना चाहिए.

फिर रुद्राक्ष की माला हाथ में लेकर प्रभू श्रीराम की प्रतीमा के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं और इस मंत्र का 108 बार जप करें. जल्द ही पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति के लिए हर रोज पांच माला का जप करें.

गौरतलब है कि इस मंत्र का जप करना बेहद ही आसान है और इसमें ज्यादा समय भी नहीं लगता है इसलिए अगर आप भी संपूर्ण रामायण पाठ का फल पाना चाहते हैं तो फिर इस मंत्र के जप से आपको अवश्य लाभ होगा.

Anita Ram

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