ENG | HINDI

मणिपुर में खुला देश का पहला पानी पर तैरता स्कूल

फ्लोटिंग स्कूल

दोस्तों क्या आपने कभी देखा या सुना है कि कोई स्कूल पानी पर तैरता है.

नहीं तो चलिए हम आपको दिखाते हैं देश का पहला स्कूल, जो पानी पर तैरता हुआ देखा जा सकता है.

ये स्कूल जिस झील पर बनाया गया है, वो ‘लोकतक झील’ के नाम से मशहूर है. जो देश की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है. इस लोकतक झील में अब बन गया है भारत का सबसे पहला फ्लोटिंग स्कूल. ये झील मणिपुर में मौजूद है. झील में बने इस फ्लोटिंग स्कूल का नाम ‘लोकतक फ्लोटिंग एलीमेंट्री’ स्कूल रखा गया है. इस फ्लोटिंग स्कूल की खासियत ये है कि इसमें बेघर, बेसहारा और किसी भी वजह से स्कूल ना जाने वाले या छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा दी जाएगी.

मणिपुर में कहां है य स्कूल

फ्लोटिंग स्कूल

मणिपुर के एक छोटे से गांव Champu Khangpok के Langolasbi Leikai में इंफाल से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ‘लोकतक फ्लोटिंग स्कूल.

क्या है लोकतक झील की खासियत

लोकतक झील को ‘लाइफ लाइन ऑफ मणिपुर’ कहा जाता है. इस झील से पीने के पानी से लेकर फसलों की सिंचाई तक का काम किया जाता है और यह झील बर्ड एरिया के लिए भी काफी मशहूर है.

और अब इस झील में तैरता देश का पहला प्राथमिक स्कूल भी बन गया है, जहां बेघर हो चुके बच्चों को शिक्षा दी जाएगी.

इस स्कूल की शुरुआत लोकतक झील के मछुआरा यूनियन और समाज सेवा करने वाली संस्था पीपल रिसोर्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के सहयोग से की गई.

इस स्कूल की एक और खास ये होगी कि यहां बच्चों के साथ-साथ अशिक्षित वयस्कों को भी शिक्षा प्रदान की जाएगी. यहां एक साथ, एक समय में 25 बच्चे पढ़ पाएंगे और उन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक होंगे.

गांव वालों की राय

फ्लोटिंग स्कूल

लोकतक झील के आसपास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हममें से ज्यादातर लोग अशिक्षित हैं. जीविकोपार्जन के लिए मछलियों पर ही निर्भर रहते हैं. हम अपने बच्चों को बाहर पढ़ाने के लिए नहीं भेज पाते. ऐसे में ये स्कूल हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं.

खबरों की माने तो अगर ये स्कूल सफल रहा और छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलने लगेगी तो इस प्रोजेक्ट को और भी आगे बढ़ाया जाएगा. साथ हीं कक्षाओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. सरकार द्वारा शुरु की गई फ्री एजुकेशन पहल के तहत इस स्कूल में कक्षाओं की संख्या बढ़ाकर 8 तक की जा सकती है.