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ये आतंकियों से भी खौफनाक थी ! 45 दिन और 75 लाख के बाद इसका खात्मा हुआ !

आदमखोर बाघिन

हाल ही में भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करके 38 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था और इस मुहिम को अंजाम देने के लिए भारत को महज चंद घंटों का ही समय लगा.

लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी खूंखार और आदमखोर बाघिन के बारे में, जो आतंकियों से भी ज्यादा खौफनाक थी.

आदमखोर बाघिन

आदमखोर बाघिन ने मचाया था आतंक

उत्तराखंड के रामनगर में इस आदमखोर बाघिन ने करीब 45 दिनों तक अपना आतंक मचाए रखा. पूरे इलाके में बाघिन की दहशत ने लोगों की नींद और चैन हराम कर दिया था.

लोग इस बाघिन की दहशत से हर हाल में छुटकारा पाना चाहते थे. इसलिए जब उन्हें और कोई रास्ता नहीं नज़र आया, तो लोग भगवान की शरण में जा पहुंचे. ग्रामीणों ने इसके लिए बकायदा रामनगर के कानिया स्थित भगवती मंदिर में अनुष्ठान कराकर इस बाघिन से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की थी.

45 दिन के अभियान में खर्च हुए 75 लाख

आतंक मचानेवाली इस आदमखोर बाघिन के आतंक का खात्मा करने के लिए करीब 45 दिनों तक एक बड़ा अभियान चलाया गया. इस अभियान को कामयाब बनाने के लिए 75 लाख रुपये भी खर्च किए गए.

आखिरकार अभियान के 45वें दिन बाघिन पर एक-एक कर करीब दर्जनभर गोलियां बरसाई गई. तब जाकर बाघिन के आतंक का खात्मा करने वाले इस अभियान को कामयाबी मिली.

इस बाघिन को काबू में करने के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टर की भी मदद ली गई थी. साथ ही स्निफर डॉग्स का विकल्प भी इस्तेमाल किया गया था, इसके अलावा बाघिन को पकड़ने के इस अभियान में वन विभाग के चार सौ लोगों के फौज़ की भी मदद ली गई थी.

कई लोगों पर बाघिन ने किया था हमला

करीब आधा दर्जन गावों में आतंक का खेल खेलनेवाली इस आदमखोर बाघिन ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था जबकि पांच महिलाओं पर हमला करके उन्हें जख्मी कर दिया था.

हालांकि पिछले कई दिनों से वन विभाग शिकारियों की मदद से बाघिन को मारने की कोशिश में जुटा हुआ था. इस दौरान तीन बार बाघिन को पकड़ने के लिए घेराबंदी भी की गई लेकिन वो लोगों को चमका देकर फरार हो गई थी.

अंत में जब ये बाघिन गोरखपुर के एक गांव में पहुंची तब हाथियों पर सवार शिकारियों और वन कर्मचारियों ने उसे चारों ओर से घेर लिया और उसपर गोलियों बरसाने लगे. गोलियों से छलनी होने के बाद आदमखोर बाघिन की मौके पर ही मौत हो गई.

गौरतलब है कि इस आदमखोर बाघिन को मारने के लिए चलाया गया अभियान अब तक का सबसे बड़ा अभियान बताया जा रहा है.

करीब 45 दिनों की कड़ी मशक्कत और 75 लाख रुपये खर्च करने के बाद इस बाघिन के आतंक का खात्मा हो पाया है जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है.

 

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