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भगवद् गीता से सीखिए मैनेजमेंट के सुपरहिट फंडे!

bhagwad geeta
 नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मण:।
   शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मण:।।
geeta
इस श्लोक में कृष्ण अर्जुन से कहते है “हे अर्जुन तू अपने धर्म के अनुसार कर्म करेगा तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी “

मैनेजमेंट सूत्र : 
अर्जुन के माध्यम से कृष्ण  ये महत्वपूर्ण सन्देश देते है जिसमे कहा गया है कि हर वयक्ति को अपने धर्म के अनुसार कर्म करने चाहिये तभी उसे सफलता मिलती है. यहाँ धर्म का मतलब किसी सम्प्रदाय से नहीं है, यहाँ धर्म का मतलब है अपने कर्तव्य से. अर्थात् यदि आप विद्यार्थी हो तो आपका धर्म शिक्षा ग्रहण करना है, अदि आप व्यापार करते है तो आपका धर्म पूरी निष्ठा के साथ व्यापार करना है.
जो लोग कर्तव्य के अनुसार कर्म नहीं करते वो सिर्फ समय बर्बाद करते है.
ये थे भगवद् गीता के श्लोक जो हमें सीखाते है की जीवन प्रबंधन के सटीक नुस्खे जिन्हें अपनाकर हम जीवन की हर दौड़ में सफल हो सकते है.

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