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मामा कंस अपने भांजे श्री कृष्ण से बहुत प्यार करते थे फिरभी उसके वध की क्यों ठान ली

मामा कंस

पौराणिक कथाओं के अनुसार..

भगवान विष्णु ने अपना आठवां अवतार कृष्ण के रूप मे लिया और अपने अत्याचारी मामा कंस का वध किया.

भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर बढ़ रहे पाप का सर्वनाश कर धर्म की स्थापना की.

वैसे तो भगवान श्री कृष्ण और उनके मामा कंस की कहानी हम सभी को पता है कि कैसे श्री कृष्ण के जन्म से पहले ही कंस ने उन्हें मारने की योजना बना ली थी, लेकिन क्या आपको पता है की दुराचारी और अत्याचारी मामा कंस अपने भांजे का वध कभी नहीं करना चाहते थे. बावजूद इसके मामा कंस के जहन मे कृष्ण की हत्या का विचार आया !

आखिर क्यों ?

आखिर क्यों मामा कंस श्री कृष्ण की हत्या नहीं करना चाहते थे ?

तो चलिये हम आपको बताते हैं, डर और ममता के बीच हुई सत्य पर असत्य के विजय की ये दास्तान!

दरअसल कंस अपनी इकलौती बहन देवकी से बेहद प्यार करते थे इसलिये कंस ने अपने अजीज दोस्त वासुदेव से देवकी का विवाह करवाया. जब देवकी अपने ससुराल जाने लगी तो कंस खुद ही उनके रथ का सारथी बन उन्हें ससुराल पहुँचाने चल पड़े थे.

अपनी चहेती, इकलौती बहन को खुश देख, कंस भी बेहद खुश थे. इस बीच रास्ते मे ही एकाएक आकाशावाणी होने लगी और उनका रथ रुक गया. आकाशवाणी मे जोर -जोर से घोषणा होने लगी. ‘हे कंस जिस बहन की शादी से तुम इतने खुश हो रहे हो, उसी की आठवीं संतान के द्वारा तुम्हारी मृत्यु निश्चित है’ अचानक हुई घोषणा पर कंस को विश्वास नहीं हो रहा था. आखिरकार बार-बार हो रहे ठहाकों और मृत्यु की आकाशवाणी ने कंस के मन मे डर पैदा हो गया और अपने भविष्य को लेकर डरे कंस ने वहीं देवकी की हत्या करने की ठान ली.

मृत्यु के डर ने कंस को इस कदर भयभीत कर दिया कि उसने देवकी को मारने के लिये अपनी तलवार तक निकाल ली. ठीक उसी वक्त लेकिन देवकी के पति वासुदेव बीच में आ गये. वासुदेव ने कंस से देवकी को ना मारने की मिन्नते करते हुये कहा कि हम आपको वचन देते हैं… हम अपनी आठवीं संतान आपको सौंप देगें. उसकी बाद आप उसके साथ जो चाहे कर सकते हैं. कृपया कर मेरी पत्नी देवकी की जान बक्श दीजिये.

कंस ने वासुदेव की बात मानकर देवकी को छोड़ तो दिया, लेकिन उन्हें अपना बन्दी बना कार बंदीगृह मे डाल दिया. चूँकि कंस की एक ही बहन थी जिसे वो बहुत प्यार करते थे. कंस को देवकी से एक भांजे की काफी भी चाहत थी, जो पुरी हुई. एक मात्र खुद की जान बचाने के लिए ही मामा कंस ने श्री कृष्ण को मार डालने की ठान राखी थी.

भले ही कंस कितना भी क्रूर और अत्याचारी क्यों ना था लेकिन उसके मन में अपनी बहन देवकी और अपने भांजे कृष्ण के लिए बेहद ममता थी. यही वजह थी कि मामा कंस अपने भांजे को मारना नहीं चाहते थे.

आकाशवाणी से हुए अपने मौत की भविष्यवाणी ने कंस को इतना डरा दिया कि ना चाहते हुए भी कंस को अपने भांजे की मौत का षड्यंत्र रचना पडा.

कहते है होनी को कोई नहीं टाल सकता.

इस धरती पर बढ़ रहे पाप का अंत होना ही है, इसलिए देवकी के आठवें संतान के रूप मे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ और उनके हाथों कंस की हत्या..