धर्म और भाग्य

70 साल बाद आ रही है ऐसी मकर संक्रांति, राशि अनुसार करें उपाय और पाएं सुख-समृद्धि

मकर संक्रांति २०१८ – हिंदू धर्म में कई त्‍योहार मनाए जाते हैं और उन्‍हीं में से एक मकर संक्रांति का त्‍योहार।

इसे आप साल का सबसे पहला त्‍योहार भी कह सकते हैं। हर साल जनवरी के महीने में 13 या 14 तारीख को ये पर्व मनाया जाता है। इस बार यह त्‍योहार 14 जनवरी यानि रविवार के दिन पड़ रहा है।

मकर संक्रांति २०१८ – ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है। 2018 के माघ में कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी में सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगें।

मकर संक्रांति २०१८ –

१ – 70 साल बाद पड़ रहा है ये योग मकर संक्रांति २०१८

70 साल बाद ऐसी मकर संक्रांति आ रही है जोकि पारिजात योग में है और रविवार, त्रयोदशी तिथि में पड़ने की वजह से इस दिन सिद्धि योग बन रहा है। गुरु का मंगल के साथ तुला राशि में रहने से पारिजात योग बन रहा है।

२ – 15 जनवरी को है पुण्‍य काल

इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा लेकिन इसका पुण्‍यकाल 15 जनवरी को होगा। मकर संक्रांति का विशेष पुण्‍यकाल 14 जनवरी, 2018 को रात को 8 बजकर 5 मिनट से 15 जनवरी 2018 को दिन के 12 बजे तक रहेगा।

साल 2018, विक्रम संवत् 2074 में संक्रांति का वाहन महिष और उपवाहन ऊंट रहेगा। इस साल संक्रांति काले वस्‍त्र व मृगचर्म की कंचुकी धारण किए, नीले आक के फूलों की माला पहने, नीलमणि के आभूषण धारण किए, हाथ में तोमर आयुष लिए, दही का भक्षण करती हुई दक्षिण दिशा की ओर जाती हुई रहेगी।

३ – मकर संक्रांति का महत्‍व

ज्‍योतिष में दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि और उत्तरायण को देवताओं का दिन माना गया है। रात्रि नकारात्‍मकता और सकारात्‍मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिन जप, तप, दान, स्‍नान, श्राद्ध और तर्पण करने से पुण्‍य की प्राप्‍ति होगी। मान्‍यता है कि इस शुभ दिन पर दान करने से सौ गुना बढ़कर फल मिलता है। इस दिन शुद्ध घी और कंबल का दान करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है।

४ – रातें छोटी और दिन हो जाते हैं बड़े

मकर संक्रांति के बाद से सबसे बड़ा बदलाव आता है कि इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े हो जाते हैं।

इस दिन से सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर आना शुरु हो जाता है इसलिए इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। गर्मी के मौसम की शुरुआत भी यहीं से होती है। दिन के बड़ा होने से सूर्य की रोशनी अधिक समय तक रहती है और रात छोटी होने से कम समय तक अंधकार रहता है।

इस कारण मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है।

५ – राशि अनुसार करें दान

मकर संक्रांति २०१८ –

मेष राशि का स्वामी मंगल है तो आप मकर संक्रांति के दिन मच्छरदानी एवं तिल का दान करें।

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है इसलिए इस राशि के लोगों को मकर संक्रांति के दिन ऊनी वस्त्र एवं तिल का दान करना चाहिए।

तीसरी राशि मिथुन का स्वाइमी बुध है तो आप लोग तिल एवं मच्छरदानी का दान करें।

कर्क राशि का स्वारमी चंद्रमा है इसलिए आप इस दिन तिल, साबूदाना एवं ऊन का दान करें।

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है तो आप तिल, कंबल व मच्छरदानी अपनी क्षमतानुसार दान करें।

कन्या राशि का स्वामी बुध है तो आप मकर संक्रांति के दिन तिल, कंबल, तेल, उड़द दाल का दान करें।

तुला का स्वामी शुक्र है इसलिए तुला राशि के लोग तेल, रुई, वस्त्र, राई, मच्छरदानी दान करें।

वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है। इस राशि के लोग गरीबों को चावल और दाल की कच्ची खिचड़ी साथ ही अपनी क्षमता के अनुसार कंबल भी दान करें।

धनु का स्वामी गुरु है तो आप मकर संक्रांति के दिन तिल व चने की दाल का दान करें।

मकर राशि का स्वामी शनि है तो आप तेल, तिल, कंबल और पुस्तक का दान करें।

कुंभ राशि का स्वामी भी शनि है। कुंभ राशि के लोग तिल, साबुन, वस्त्र, कंघी व अन्न का दान करें।

मीन का स्वामी गुरु है तो इस राशि के लोग तिल, चना, साबूदाना, कंबल व मच्छरदानी दान करें।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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