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120 साल पहले ये दो भाई भारत लाए थे सबसे नशीला पदार्थ

ल्‍यूमियर ब्रदर्स

ल्‍यूमियर ब्रदर्स – आज से 120 साल पहले 7 जुलाई को ल्यूमियर ब्रदर्स इंडिया में पहली चलती फिल्म लाए थे।

इसी के साथ भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई थी। ल्‍यूमियर ब्रदर्स ने एक चलती फिल्‍म बनाई थी जिसे वो पूरी दुनिया को दिखाना चाहते थे। पहले तो वो इसे लेकर ऑस्‍ट्रेलिया जा रहे थे लेकिन फिर उन्‍होंनें भारत आने के बारे में सोचा।

हिंदुस्तान में अगर मनोरंजन के लिए सबसे बडा साधन है तो वो है सिनेमा।

यहां सिनेमा लोगों को “अफिम” जैसा नशा देता है। बचपन में कार्टून्स की दुनिया में खो जाना, बड़े होते-होते गर्लफ्रेंड-ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ छुप-छुपाकर फिल्में देखने जाना, दफतर के दोस्तों के साथ नाइट को फिल्‍म देखने जाना या फिर हर वीकएंड पर अपने परिवार के साथ थियेटर में शो इंजॉय करना। आधा देश हीरो-हीरोइन बनने के सपने देख रहा है, हर कोई बॉलीवुड के गीत गुनगुना रहा होता है और तो और लोगों को फिल्मी डायलॉग तक मुंह जुबानी याद होते हैं।

हमारी बॉडी में खून के साथ सिनेमा तक बहता है।

लेकिन 7 जुलाई ना होती तो हिंदुस्तान के सिनेमा की कुछ और ही कहानी होती इसलिए हमें ल्यूमियर ब्रदर्स का आभारी होना चाहिए कि उन्‍होंने इस ऐतिहासिक घटना को अंजाम दिया। अगर यह दो भाई गलती से इंडिया में सिनेमा जैसा नशीला पदार्थ ना लाते तो शायद ही हम इतनी खूबसूरत कला को आगे बढ़ा पाते।

ल्यूमियर ब्रदर्स फ्रांस में जन्मे दो भाई थे जिन्होंने पूरी दूनिया में चलती फिल्में फैलाने का प्लान किया था और इसकी शुरुआत वो ऑस्ट्रेलिया से करने वाले थे। इसके लिए उन्होंने अपने एजेंट को तैयार किया और ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना कर दिया लेकिन एजेंट मॉरिस सेस्टियर किसी कारण ऑस्ट्रेलिया नहीं जा पाए और आ पहुंचे बम्बई के वॉटसन होटल।

उसके बाद मॉरिस ने सोचा क्यों ना इंडिया में ही इस फिल्म को दिखाया जाए। जिस बात पर ल्यूमियर ब्रदर्स भी मान गए और 7 जुलाई 1896 को बम्बई के वॉटसन थिएटर में पहली बार कोई फिल्म चली। इसके बाद हिंदुस्तान में कई फिल्में बनीं और लोगों ने उन्हें बेहद सराहा भी।

आज अगर हम थिएटर में बैठकर पॉपकॉर्न खाते हुए ‘बाहुबली’ और ‘दंगल’ देख रहे हैं तो इसका सारा श्रेय ल्‍यूमियर ब्रदर्स को ही जाता है।