संबंध

प्यार में दिल हारें, दिमाग नहीं

प्यार में दिल – अक्सर प्यार में दिमाग खोने से नुकसान ही होता है.

रिश्ते में दिल खोना तो ज़रूरी है पर दिमाग खोकर कई बार आप अपनी शख्सियत ही खो देते हैं. देखा जाए तो हर रिश्ते को स्मार्ट हैंडलिंग की आवश्यकता होती है जो दिमाग से ही आ सकती है.

अब वो ज़माना नहीं रहा कि किसी पे आप अपना सबकुछ न्यौछावर कर दें. आज के हालातों में समय-समय पर रिश्तों एवं स्थितियों का आकलन करना ज़रूरी हो गया है. वैसे भी प्यार में दिमाग खोने से धोखे की आशंका बढ़ जाती है. दिल जहाँ सपनों की दुनिया में ले जाता है वहीं दिमाग हमें असलियत के करीब रखता है.

ब्लाइंड लव जैसी कोई चीज़ दुनिया में नहीं होती.

प्रेम में भरोसा ज़रूरी है पर क्या भरोसे का महल एक दिन में बन सकता है?

प्रेम तो हमारे रोज़मर्रा के व्यवहार की बुनियाद पर बनता है. इसलिए किसी भी रिश्ते की बात क्यों न हो व्यवहारिक होना आवश्यक है. छोटी सी भी गलती पछतावे की वजह बन सकती है. प्रेम तो वो पौधा है जो मुश्किल से पनपता है. पौधे के लिए बीज बोना पड़ता है फिर खाद-पानी और देखभाल के बाद ये बढ़ता है. इसकी कोई गारंटी भी नहीं कि कोई आंधी इसे उड़ा न दे लेकिन इसके जिंदा रहने के अवसर ज़रूर बढ़ जाते हैं. इसी तरह प्रेम को पनपने व बढ़ने के लिए भी पूरा समय व देखरेख चाहिए होती है.

रिश्ते में किसी दूसरे से प्रभावित होने से कई बार नुकसान ही होता है. इसलिए ये ध्यान रहे कि सामने वाले व्यक्ति को खुदपर हावी न होने दें व खुद को भी महत्त्व दें. शुरुआत में दोनों पक्ष एक-दूसरे को प्रभावित करने की कोशिश करते ही हैं पर दूसरा खुद को कैसे प्रस्तुत कर रहा है, इससे उसके बारे में राय बनाने में अपनी बुद्धि पर यकीन रखें. प्यार की अभिव्यक्ति के लिए उपहारों का आदान-प्रदान अच्छी बात है पर इसपे भी गौर करना चाहिए कि पैसे से प्यार को नहीं खरीदा जा सकता. इसलिए अपने प्यार को कभी उपहारों से नहीं तौलना चाहिए.

प्यार में प्यार को थोड़ी भावनात्मक बुद्धि, अनुशासन और आत्मानुशासन देने से इसकी गरिमा और बढ़ जाती है.

इसलिए प्यार के वास्तविक स्वरुप को समझने की बहुत आवश्यकता है कि कैसे खुदको संयत रखके इस रिश्ते को आगे बढ़ाने की जल्दबाज़ी न की जाए. वहीं, सच्चा प्यार व्यक्तित्व में ठहराव लाता है और अगर आपका साथी आपको जल्दी ‘क्लोज’ होने का दबाव डालता है तो यकीनन उसमें परिपक्वता की कमी है. इसके इतर आपस में मज़बूत मानसिक और भावनात्मक संबंधों को प्राथमिकता दें. अपने रिश्ते को परिवार से ज़रूर अवगत करवाएं और अगर आपका परिवार आपके रिश्ते का विरोध करता है तो इस बारे में आपको विश्लेषण ज़रूर करना चाहिए. प्यार को अपनी जिंदगी का अंग मानें, धूरी नहीं.

दूसरों को अपनी उदारता का गलत फायदा न उठानें दें.

अगर वो सचमुच आपको प्यार करता होगा तो आपकी भावनाओं की भी कद्र करना वो जानेगा. वहीं, अगर वो ऐसा न करता हो तो आपको अपने रिश्ते पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है. ये समझ लें कि प्यार करना आसान नहीं है. ये ऐसा है जैसे आप तलवार की धार पर चल रहें हों. मुश्किलों से जूझकर अपने रिश्ते को महफूज़ रखना प्यार है.

प्यार तो सीखने की प्रक्रिया है. ऐसी प्रक्रिया जो जीवनभर साथ चलती है. ध्यान रहे प्यार ऐसा हो जो खुशबू की तरह महके न कि फांस की तरह आपकी जिंदगी उलझा के रख दे.

Devansh Tripathi

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Devansh Tripathi

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