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प्रेम के पुजारी है श्री कृष्ण ! श्री कृष्ण की रासलीला और गोपियों की यह 10 अनसुनी रहस्मयी बातें !

प्रेम पुजारी श्री कृष्ण

10. रास में कृष्ण ने कामक्रीड़ा का दर्शन कहीं नहीं दिया है. रास लीला में एक कृष्ण हजार गोपियों के साथ है वहीं महारास में एक गोपी के साथ एक कृष्ण है जो कामक्रीड़ा नहीं है. बल्कि कृष्ण ने अपनी शक्ति का परिचय यहाँ दिया है.

प्रेम पुजारी श्री कृष्ण

प्रेम पुजारी श्री कृष्ण के जीवन का उद्देश्य एक ही रहा है. जो वह गीता में बताते हैं कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म का उत्थान होता है, तब-तब मैं खुद धरती पर अवतार लेता हूँ. इसलिए प्रेम पुजारी श्री कृष्ण के जीवन का उद्देश्य मात्र धर्म की स्थापना करना है. यह रास-महारास भी कृष्ण की लीला है जो उन्होंने सच्चे प्रेम की परिभाषा लिखने के लिए रची थी और कहीं भी कृष्ण किसी गोपी के शरीर से मिलते हुए नहीं दिखे हैं.

आज कल कृष्ण की रासलीला रचा तो सभी रहे हैं किन्तु कृष्ण जैसा उद्देश्य कोई नहीं प्राप्त कर पाया है.

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