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5000 हजार वर्षों से जीवित है ये बाबा!

संत श्यामाचरण लाहड़ी – आज के समय में इंसानों की औसत आयु 100 वर्ष के आसपास ही मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते है पुराने समय में लोगों की औसत आयु वर्तमान समय से कहीं ज्यादा हुआ करती थी.

जी हाँ पहले के लोग काफ़ी ज्यादा समय तक जिया करते थे.

लेकिन एक महाशय इन सबसे भी आगे है, जिनके बारे में बताया जाता है कि वे 5000 हजार सालों से जीवित है.

आपको बता दें कि दुनिया भर में योग का प्रचार-प्रसार करने वाले और विश्व के सबसे बड़े योगी कहलाने वाले संत श्यामाचरण लाहड़ी ने जिनसे योग की शिक्षा-दीक्षा ली थी उनको ‘महावतार बाबा’ के नाम से जाना जाता है, और यही ‘महावतार बाबा’ 5000 सालों से जीवित है.

महावतार बाबा

आज के समय में भले ही लोगों को इस बात पर विश्वास नहीं हो लेकिन आज भी इस धरती पर कुछ लोग है जो आदिकाल से आध्यात्मिक जीवन जी रहे है. ये बिलकुल अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय है लेकिन ये एकदम सत्य और प्रमाणित है कि ‘श्री सिद्ध महावतार बाबा जी’ जो कि पिछले 5000 से 6000 हजार वर्षों से आज भी जीवित है.

महावतार बाबा के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने शंकराचार्य, संत श्यामाचरण लाहड़ी और संत कबीर को शिक्षा दी थी.

वहीं दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली आध्यात्मिक आत्मकथा ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ अ योगी’ के लेखक परमहंस योगानंद ने भी अपनी इस किताब में महावतार बाबा का जिक्र किया है. परमहंस योगानंद के गुरु श्यामाचरण लाहड़ी थे और उनके गुरु महावतार बाबा थे. श्यामाचरण लाहड़ी को एक बार पहाड़ों पर भ्रमण करने के दौरान महावतार बाबा दिखाई दिए थे, और उन्होंने लाहड़ी को क्रियायोग की शिक्षा देकर आदेश दिया था की गृहस्थ लोगों को भी क्रियायोग का मार्ग दिखाया जाए.

महावतार बाबा के इस धरती पर होने के और भी कई प्रमाण मौजूद है जिनमे परमहंस योगानंद द्वारा उनकी किताब में लिखा गया है कि महावतार बाबा से उनकी प्रत्यक्ष भेंट हुई थी. वहीं श्री युक्तेश्वर गिरी की किताब ‘द होली साइंस’ में भी उनका प्रत्यक्ष वर्णन मिलता है. उनको 1861 से 1935 के दौरान कई गवाहों द्वारा देखे जाने के सबूत है. जिन लोगों ने भी उन्हें देखा है हमेशा उनकी उम्र 25-30 वर्ष ही बताई है.

आज के समय लोग जहाँ ठीक से अपने जीवन का शतक भी नहीं पूरा कर पाते वहां महावतार बाबा का पिछले 5000 सालों से जीवित रहना हैरान करता है. लेकिन योग और आत्मशक्ति से कुछ भी संभव है और इससे मृत्यु पर भी विजय पाई जा सकती है.