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सुन, दिल पे हाथ रख और जो Confess करना है, बिंदास बोल डाल!

youth-on-cell

 खोलो कुछ अनकहे अनसुने राज़ … दिल से कहो अपने दिल की बात…  

एक बेवजह का झगडा, एक छोटी सी ग़लतफ़हमी,  कुछ गुस्सा,  कुछ अनकही बातें कितना कुछ है ना जिंदगी में जो हम ठीक करना चाहते है पर कभी मौका नहीं मिलता तो कभी हिम्मत तो  कभी अपनी बात किसी खास तक पहुँचाने का ज़रिया नहीं मिलता.

छोटी छोटी बातें भी रिश्तों में ऐसी दूरियाँ बना देती है की एक वक्त के बाद उन दूरियों को तय करना भी मुमकिन नहीं होता.

ना जाने कितनी ही अनकही बातों और राज़ को अपने दिल में छुपाये पूरी उम्र इंतज़ार करते है वो कहने का जो कह नहीं पाए अब तक. और शायद हमारे चाहने वाले भी इंतज़ार करते रहते है वो सुनने का जो हम कहना चाहते है .

पढाई में नंबर अच्छे नहीं आये, पापा ने डांट दिया .. गुस्से में आकर उन्हें भला बुरा कह दिया . जब अहसास हुआ की गलत किया है तो नज़रें मिलाने की हिम्मत भी नहीं पड़ी , तो दिल की बात कहने और माफ़ी मांग कर पापा के गले लग जाने की हिम्मत कहाँ से आती … तब लगता है के काश कोई ऐसा जरिया होता के सब कुछ कह डालते .

भाई बहन बचपन में जितने करीब बड़े होकर मामूली झगडे की वजह से दूर हो गए, और दोनों इस इंतज़ार में के पहले बात कौन करे , कौन गिराए इस दीवार को बस इसी ऊहा पोह में खाई बढती रहती है और एक वक्त के बाद उसे पाटा भी नहीं जा सकता.

माँ तो माँ होती है और उस से कौन नाराज़ रह सकता है पर फिर भी कभी कभी माँ की नसीहतें सुनकर बेटी चिढ़ जाती है , बस फर्क दोनों की समझ का होता है  माँ को अपने तरीके से समझाना है और बेटी अपने तरीके से समझना चाहती है और बस इसी गलतफहमी में दोनों में से किसी एक का या दोनों का ही दिल दुख जाता है. और फिर वही असमंजस के कैसे कहे अपनी बात.

स्कूल, कॉलेज में किसी को देख कर मन चाहता है उनसे बात करने को , मिलने को पर कैसे कहें अपनी बात . ना जाने कितनी ही प्रेम कहानियां दफ़न हो जाती है दिल के किसी कोने में और इसकी वजह सिर्फ एक कैसे बताये उन्हें अपना हाल ए दिल.  कुछ  डर , कुछ असमंजस और इस बीच दम तोड़ देती है कितनी ही प्रेम कहानियां.हो सकता है आपके वो खास भी इसी इंतजार में हो के कब आप कहे उन से अपने दिल की बात पर उस पल आपको होता है डर के क्या होगा गर जवाब ना हुआ तो , और इसी डर में कहना चाहकर भी नहीं कह पाते .

वो दोस्त याद है जो बचपन से लेकर जवानी तक साथ था , जिसके साथ बचपन में हर अच्छी बुरी चीज़ सीखी , पहले प्यार की कहानी का भागीदार , दिल के हर गहरे से गहरे राज़ जानने वाला . आज जब नौकरी , परिवार के चक्कर में उस से दूर हुए ज़माना हो गया पर फिर भी सुकून के पलों में याद आती होगी वो यारी , पर इतने वक्त के बाद कैसे करे उस से बात , कितनी बार ही उँगलियाँ उठती है नंबर डायल करने को पर ये सोचकर रुक जाती है कि उसने भी तो याद नहीं किया मुझे इन बीते सालों में …शायद दूसरी तरफ बैठा वो यार भी यही सोचकर बैठा रहता होगा ..

ये सब और ना जाने कितनी ही ऐसी बातें है, जो बस कहने की देर है और फिर ये भाग दौड़, तनाव वाली जिन्दगी आसान हो जाएगी, आखिर दिल पर रखा एक बोझ जो हल्का हो जायेगा.. और दिलों के बीच के ये फासले मिट जायेंगे, हर ग़लतफ़हमी दूर, अपनों से दिल की डोर एक बार फिर जुड़ जाएगी.

वो अनकहा प्यार अब अनकहा ना रहेगा ….

और इस काम को करने के लिए चाहिए बस एक साथी जो समझ सके आपकी बात और दे आपको हौंसला आपकी बात अपनों तक पहुँचाने का . यांगिस्थान बनेगा इस सफ़र में आपका वो साथी , वो जरिया जिससे आपकी बात पहुंचेगी आपके अपनों के पास ..

चाहे वो माँ से कुछ कहना हो जो सामने ना कह पाए , या पापा को सॉरी बोलना हो , या बहन को बताना हो की आज भी याद आता है वो बचपन या फिर अपने लड़कपन के यार के साथ फिर से गुजरना हो उन यादों की किसी से गलियों से या ठहाके  लगाने हो और दुनिया को बतानी हो वो बातें और शरारतें जो छुपा रखी थी  अब तक दुनिया से या फिर फिर कहनी को किसी खास को अपने दिल की बात, लिखनी हो एक पाती प्रेम भरी…

कन्फेशन में लिख भेजिए अपने शिकवे, शिकायतें, कही अनकही बातें, यादें, मुलाकातें और शरारतें

यांगिस्थान पहुचायेगा दिल की बात दिल तक….

अब होगा आसान  ,वो कहना जिसे कहना ज़रूरी  पर ज़रिया नहीं था…

आपकी ख़ुशी और दर्द बांटने में, यादों की पोटली खोलने में, दिल के कोने से झाँकने में आपके साथ अब है यांगिस्थान….

अब दिल से कहो अपने दिल के बात, बिंदास बोल डाल.