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इस राजा ने भारत को बनाया था ‘सोने की चिडिया’

महाराज विक्रमादित्‍य

महाराज विक्रमादित्‍य – भारत को सोने की चिडिया कहा जाता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस देश को सोने की चिडिया किसने बनाया ?

महाराज विक्रमादित्‍य के शासनकाल में ही भारत सोने की चिडिया बन पाया था। इस काल को भारतवर्ष का स्‍वर्णिम काल माना जाता है।

उज्‍जैन के राजा गंधर्व की तीन संतानों में से सबसे छोटे थे राजा विक्रमादित्‍य। कहा जाता है कि आज हिंदुस्‍तान की संस्‍कृति और नाम केवल राजा विक्रमादित्‍य के कारण ही बन पाया है।

किवदंती है कि रामायण और महाभारत जैसे महान ग्रंथ खो गए थे और महाराज विक्रमादित्‍य ने इनकी पुन: खोज करवाकर इन्‍हें स्‍थापित किया था। देश में उन्‍होंने भगवान विष्‍णु और शिव जी के अनेक मंदिर बनवाए और सनातन धर्म की रक्षा की।

विक्रमादित्‍य के 9 रत्‍नों में से एक थे कालिदास जिन्‍होंने अभिज्ञान शाकुन्‍तमलम् की रचना की थी। इस ग्रंथ में भारत का पूरा इतिहास समाहित है।

जब भारत में उसी के ग्रंथ खोने की कगार पर पहुंच गए थे तब राजा विक्रमादित्‍य ने देश की बागड़ोर संभाली और सनातन धर्म के साथ-साथ भारतीय संस्‍कृति को भी समृद्ध बनाया।

इस राजा के शासन काल में विदेशी व्‍यापारी भारत के कपड़े को सोने के वजन से खरीदते थे। इस वजह से भारत में इतना सोना आ गया था कि उस काल में मुद्रा के रूप में सोने के सिक्‍के चलते थे।

हिंदू धर्म में आज जो ज्‍योतिष गणना होती है हिंदी सम्‍वंत, वार, तिथियां, राशि, नक्षत्र और गोचर आदि की रचना भी महाराज विक्रमादित्‍य के काल में ही हुई थी। वह बड़े पराक्रमी, बलशाली और बुद्धिमान राजा थे।

विक्रमादित्‍य एक ऐसे राजा थे जिनके हर नियम धर्मशास्‍त्र के अनुसार हुआ करते थे। राम राज के बाद विक्रमादित्‍य का शासनकाल सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है। इस काल में प्रजा धर्म का पालन करती थी।

भारत को इतनी समृद्धि और संस्‍कृति प्रदान करने वाले राजा के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। इस लेख को शेयर कर देशवासियों को बताएं कि वीर राजा विक्रमादित्‍य के कारण ही भारत सोने की चिडिया बन पाया था।