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विनोद खन्ना की यह आखरी ख्वाहिश जो रह गई अधूरी !

विनोद खन्ना की ख्वाहिश

विनोद खन्ना की ख्वाहिश – गुरुवार को 70 वर्षीय दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना का निधन हो गया.

विनोद खन्ना की ख्वाहिश एक ख्वाहिश थी जो वह अपने साथ अपने दिल में लेकर चले.

विनोद खन्ना की ख्वाहिश थी जो पाकिस्तान जाकर ही पूरी हो सकती थी. विनोद खन्ना की ख्वाहिश थी पाकिस्तान के पेशावर में स्थित अपने पुश्तैनी घर को देखना.

2014 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के सांस्कृतिक धरोहर परिषद के महासचिव शकील वहीदुल्ला ने भारत की यात्रा की थी. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने विनोद खन्ना से भी मुलाकात की थी और उनका ऑटोग्राफ लिया था. अपने ऑटोग्राफ में विनोट खन्ना ने पेशावर के लोगों को शुभकामना संदेश देते हुए वहां आने की ख्वाहिश जाहिर की थी.

ज्ञात हो कि विनोद खन्ना का जन्म 7 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था. बंटवारे के बाद विनोद खन्ना का परिवार भारत आकर मुंबई में बस गया. विनोद खन्ना के पिता का नाम किशनचंद्र खन्ना था जो कि एक बिजनेसमैन थे.

विनोद खन्ना का पुश्तैनी घर पाकिस्तान में है और अब वह संपत्ति ऑल पाकिस्तान वुमैन एसोसिएशन द्वारा इस्तेमाल की जा रही है. शकील वहीदुल्ला के अनुसार विनोद खन्ना पेशावर के उस इलाके को देखना चाहते थे जहां कभी उनके पूर्वज रहा करते थे. उन्होंने पाकिस्तान जाने के लिए आग्रह भी किया था पर उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई. शकील वहीदुल्ला ने बताया कि सांस्कृतिक धरोहर परिषद जल्द ही विनोद खन्ना के सम्मान में एक आयोजन करवाएगा.

विनोद खन्ना उन कुछ विरले अभिनेताओं में हैं जिन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत नकरात्मक किरदारों से की और बाद में हीरो की भूमिकाएं निभाईं. उन्होंने ‘कुर्बानी’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘हाथ की सफाई’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ ‘मेरे अपने’, ‘पूरब और पश्चिम’, , ‘हेरा फेरी’ जैसी कई यादगार फिल्में की हैं.

एक समय ऐसा भी था जब विनोद ने फिल्मी दुनिया को छोड़कर ओशो से सन्यास की दीक्षा लेकर अमेरिका चले गए थे लेकिन वे फर लौटे और फिर से सिनेमा जगत में कामयाबी की नई इबारते लिखीं.

विनोद खन्ना ने वह सब पाया जो उन्होंने ख्वाहिश की पर अपने पुश्तैनी घर को एक बार देखने की ख्वाहिश उनकी पूरी नहीं हो पाई.