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साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 11 अगस्‍त को, तीन राशियों पर भारी है ग्रहण

सूर्य ग्रहण

आखिरी सूर्य ग्रहण – इस साल ऐसी कई खगोलीय घटनाएं हुईं जिनका असर मानव जीवन के साथ-साथ पृ‍थ्‍वी पर भी पड़ा।

अभी कुछ दिनों पहले ही साल का सबसे लंबा चंद्रग्रहण पड़ा था जिसे पूरी दुनिया ने देखा था और अब इस महीने साल का आखिरी सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है। इस साल 15 फरवरी और 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण पड़ चुका है और इस बार 11 अगस्‍त को आखिरी सूर्य ग्रहण है।

ज्‍योतिषियों की मानें तो साल के इस आखिरी सूर्यग्रहण का असर कुछ राशियों के लिए अच्‍छा नहीं है।

सूर्यग्रहण में कब लगेगा सूतक काल

जैसा कि हमने आपको बताया कि इस साल 11 अगस्‍त यानि शनिवार के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा। ये ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरु होगा। सूतक काल 10 अगस्‍त की रात को 12 बजे के बाद 1 बजकर 32 मिनट से शुरु हो जाएगा। ग्रहण का समापन 11 अगस्‍त की शात को 5 बजे होगा।

आपको बता दें कि साल का आखिरी सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन चीन, नॉर्थ अमेरिका, नॉर्थ पश्चिमी एशिया, साउथ कोरिया और मॉस्‍को में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा।

इन राशियों के लिए शुभ है ग्रहण

पिछले सूर्यग्रहण की तरह इस बार भी ग्रहण आंशिक होगा। य‍ह सूर्य ग्रहण कर्क राशि में होने जा रहा है जोकि 4 राशियों मेष, मकर, तुला और कुंभ राशि के लोगों के लिए विशेष फलदायी रहेगा।

इन राशियों को हो सकता है नुकसान

चूंकि ये ग्रहण कर्क राशि में हो रहा है इसलिए कर्क राशि के जातक इससे सबसे ज्‍यादा प्रभावित रहेंगें। इसके अलावा मिथुन और सिंह राशि के लोगों के लिए भी ये सूर्य ग्रहण शुभ नहीं रहने वाला है। इन राशि के लोगों को कष्‍ट उठाना पड़ सकता है। इन राशियों के जातकों को अपनी सेहत का पूरा ख्‍याल रखना है और पैसों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है।

इस साल की भांति अगले साल भी 3 सूर्य ग्रहण होंगें। पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी, दूसरा 2 जुलाई और तीसरा 26 अगस्‍त को होगा।

सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का ध्‍यान रखें

  • ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए।
  • सूतक काल से ही शुभ और मांगलिक कार्य बंद कर दें।
  • सूतक और ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए।
  • ग्रहण के समय दान करने से पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है।
  • ग्रहण काल में शारीरिक संबंध बनाना वर्जित है।
  • जब ग्रहण लगे तो अपने घर के मंदिर के द्वार बंद कर दें और ग्रहण के समाप्‍त होने पर इसे खोलकर घी का दीपक जलाएं।
  • ग्रहण के समाप्‍त होने पर सबसे पहले स्‍नान करें और धुले हुए वस्‍त्र धारण कर मंदिर और घर में गंगाजल छिड़कें।

ज्‍योतिषशास्‍त्र में ग्रहण का लगना बहुत महत्‍वपूर्ण घटना होती है। इस समय में किसी भी तरह के शुर्भ कार्य करना वर्जित माना जाता है। अगर आप ग्रहण के समय को अपने लिए शुभ और मंगलकारी बनाना चाहते हैं तो इस दौरान सूर्य देव के मंत्र ‘ ऊं सूर्याय देवाय नम:’ का जाप करें। सूर्य के अशुभ प्रभावों से आपको रक्षा मिलेगी। साथ ही सूर्य से संबंधित वस्‍तुओं का दान करें। इससे आपको सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक प्रभावों से बचने में मदद मिलेगी।