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प्रधानमंत्री मोदी का 4.3 करोड़ रुपए का सूट भी नही बचा पाया इस व्यापारी को

लालजी भाई पटेल

अगर कोई ये सोच रहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करके वह अपने कालेधन को बचा ले जाएगा तो वह अभी भी खयाली दुनिया में जी रहा है।

आपने सूरत के बिजनसमैन लालजी भाई पटेल का नाम तो सुना ही होगा, जिन्होंने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री के सूट को 4.3 करोड़ रुपए में खरीदकर जबर्दस्त सुर्खियां बटोरी थीं।

इस बार वे फिर सुर्खियों में हैं.

पहले मोदी का सूट खरीदकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था. अब खबर हैं कि लालजी भाई पटेल ने अपना कालाधन जमाकर एक और रेकॉर्ड बनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने सरकार को 6000 करोड़ रुपए के पुराने नोट सरेंडर किए हैं, वह भी 200 प्रतिशत फाइन देकर.

यही नहीं, लालजी भाई पटेल सरकार को टैक्स के रूप में 5,400 करोड़ रुपए अलग से देंगे, जिसमें 30 फीसदी की दर से 1800 करोड़ रुपए इनकम टैक्स और 200 फीसदी की पेनाल्टी भी शामिल होगी.

अखूट संपत्ति के स्वामी लालजी भाई पटेल ने सोचा होगा कि अब पूरा देश उन्हें नरेंद्र मोदी का सूट खरीदने के कारण जान तो चुका ही है. इसलिए कोई अधिकारी उनपर हाथ नहीं डालेगा. शायद यही सोचकर उन्होंने अपने पास जमा कालेधन को सरकार के पास जमा कराकर वैध नहीं किया. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटों को कागज के टुकड़े में बदलने के ऐलान के बाद उनको समझ में आ गया कि गलत करने वाला लालजी भाई तो हो सकता है लेकिन मोदी का भाई नहीं हो सकता.

ऐसा सोचने वाले करोड़पति और अरबपति जिन्होंने काला धन छुपाकर रखा है, वो सामने आने लगे हैं. इनमें पहला बड़ा नाम जो सामने आया वह लाल जी भाई का ही है.

गौरतलब है कि लालजी पटेल ने हाल ही में बालिका शिक्षा के लिए जहां 200 करोड़ रुपए दान दिया था. अपनी परोपकार की आदतों के चलते लालजी भाई पटेल पहले भी खबरों में रहे हैं. उन्हें देश के सबसे अमीर ज्वेलेरों में से एक माना जाता है. पिछले कई साल से वह कई सामाजिक कामों के लिए रकम दान देते रहे हैं.

मोदी का सूट खरीदने के बाद वह खूब चर्चित हुए.

लेकिन अब एक बात तो साफ है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो और सामाजिक कार्यों में दान देकर प्रधानमंत्री की नजरों में आने के बाद यह उम्मीद नहीं ही कर सकता है वह गलत कार्य करने के बाद कानून से बच जाएगा.

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