ENG | HINDI

इस शख्स के हाथों में लकीरें ही नहीं है तो कैसे बनेगा आधार कार्ड?

हमारे देश में सरकार ने ये फरमान जारी किया है कि अब हर जरुरी काम में आपके साथ दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड होना अनिवार्य है।

एक खबर के मुताबिक अब तक देश के लगभग 95% लोगों का आधार कार्ड बन चूका है बाकी 5% लोगों का आधार कार्ड बनाने की प्रोसेस चल रही है।

आधार कार्ड बनने के लिए आपकी फोटो के साथ-साथ जो सबसे जरुरी चीज़ ली जाती है वो है आपका फिंगर प्रिंट। आपके दोनों हाथों को स्कैन किया जाता है जिसके आपके हाथ के प्रिंट जानकारी के रूप में आगे चले जाते है।

लेकिन सोचो अगर किसी आदमी के हाथों में लकीरें ही नहीं है तो फिर कैसे उसका आधार कार्ड बनेगा?

आधार कार्ड

दरअसल पिछले दिनों एक लीडिंग वेबसाइट में एक शख्स के बारे में बताया गया था,  जिसके हाथों में लकीरें ही नहीं है। जिसकी वजह से ना सिर्फ उसका आधार कार्ड बन पा रहा है बल्कि उसको नौकरी भी नहीं मिल रही है। इस शख्स का नाम ललित कुमार है जो दिल्ली के मंगोलपुरी में रहते है। 27 वर्षीय ललित एक ऐसी अनोखी बीमारी से पीड़ित जिसकी वजह से उनके दोनों हाथों में लकीरें ही नहीं है। यानि हमारी-तुम्हारी तरह ललित के हाथों में कोई प्रिंट है ही नहीं।

इस बीमारी के चलते ललित की नौकरी भी छुट गई क्योंकि फिंगर प्रिंट नहीं होने की वजह से ललित बायोमेट्रिक सिस्टम में अपनी अटेंडेंस दर्ज नहीं करवा पाते थे। जिसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। लेकिन सबसे बड़ी समस्या आ रही है ललित के आधार कार्ड बनवाने में, क्योंकि आधार कार्ड नहीं होने से ललित के सामने अब खुद की आइडेंटिटी साबित करने का चैलेंज आ गया है।

हालाँकि ललित ने कई बार कोशिशें की लेकिन UIDAI के पास ललित की इस समस्या का कोई समाधान ही नहीं है।

बताया जाता है कि ललित जिस बीमारी की वजह से परेशान है उसका नाम ऐडमरमैटोग्लीफिया (Adermatoglyphia) है। और इसे रेयरेस्ट ऑफ़ द रेयर केस में गिना जाता है।

अब तक यह बीमारी पूरी दुनिया में पांच ही लोगों में देखी गई है और ललित 5 वें ऐसे व्यक्ति है जिनके फिंगर प्रिंट नही है।

इस बीमारी में आदमी की दोनों हथेलियों पर एक मोटी खुरदुरी परत जैसी बन जाती है जिससे हाथ की लकीरें ख़त्म हो जाती है। हालाँकि इसका शरीर पर कोई असर नहीं पड़ता है।

इस बीमारी की वजह से ललित काफी परेशान है, कितनी बार भी स्कैन करले उनके फिंगर प्रिंट नहीं आने की वजह से उनका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। ललित अपनी इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिख चुके है लेकिन इसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

सरकार के हर जगह आधार कार्ड जरुरी करने की वजह से ललित की समस्या बढ़ गई है। अब उनके ऊपर खुद की आइडेंटिटी साबित करने का बड़ा चैलेंज आ गया है।