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क्या ललितगेट में इस बार फंसेगी प्रियंका गाँधी ?

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ललितगेट से कुछ साबित हुआ हो या नहीं पर ये जरूर पता चल गया की “सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं”.

अगर पहले ने आवाज़ उठाई तो दूसरा बोलने को तैयार रहेगा कि “अपने गिरेबां में झाँक कर देखो”.

हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि ललित मोदी भारतीय राजनीती के इर्द गिर्द घूमते रहे हैं. इसलिए इतने आराम से लंदन में बैठे हैं. नहीं तो नेताओं ने जितनी बार उन्हें भगोड़ा कहा है अब तक तो उनको भारत ले ही लाया जाता. तो ललितगेट में सबसे पहले नाम उछला भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का, फिर राजस्थान की मुख्यमंत्री पर ये गाज गिरी और फिर विपक्षी पार्टियों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया.

ललित मोदी को इतनी बार भगोड़ा बोला जाना पसंद नहीं आया है और बस अब ललित खुल कर मैदान में उतर गए हैं.

सोशल मीडिया के जरिये. आजकल लोगों तक अपनी बात पहुँचाने का सबसे आसान और बेहतर तरीका सोशल मीडिया ही है.

तो ललित मोदी ने सबसे पहले एक कैंपेन शुरू किया “ I created Aspirations for Billions #NotAFugitive”. इसका हिंदी अनुवाद है की मैंने अरबों लोगों के लिए आकान्छाएं बनायीं हैं, मैं भगोड़ा नहीं हूँ.

बस इस कैंपेन के साथ ही ललित मोदी ने बमबारी भी शुरू कर दी है.

तीन tweets करके ललित मोदी ने ये कहा कि ‘लंदन में गांधी परिवार से मिल कर खुशी होगी। मैं एक बार अचानक रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी से एक  रेस्टोरेंट में अलग-अलग मिल चुका हूं जहां वे टिम्मी सारना के साथ थे। उनके पास मेरा नंबर था। वे मुझे फोन कर सकते हैं, मैं उन्हें बताउंगा कि मैं उनके बारे में वास्तव में क्या सोचता हूं। कोई डील नहीं होगी, लेकिन उन्हें बताउंगा कि मुझे परेशान करने के लिए क्या किया जा रहा है। मुझे अच्छी तरह याद है कि पिछले साल और उससे एक साल पहले जब यूपीए की सरकार थी उस वक्त मेरी उनसे मुलाकात हुई थी।“

 

अब तक जो कांग्रेस आक्रमण की मुद्रा में थी अब वो बचाव की मुद्रा में आ गयी है. भाजपा ने अब सोनिया गाँधी से सफाई माँगा है. ललित

मोदी के सिर्फ एक ट्वीट ने खेल का पूरा पासा ही पलट डाला.

ललित इस ट्वीट से यही दिखाना चाहते हैं की अगर उन पर ओर हमले हुए तो उनके पास भी बहुत से ऐसे राज हैं जो अगर खुल गए तो सभी के लिए बुरा होगा.

एक बार फिर राजनीति की दुनिया के लिए सिर्फ यही शब्द याद आते हैं  “इस हमाम में सभी नंगे हैं”