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किशोर कुमार – जितने आवाज़ के धनी थे उतने ही उसूलों के पक्के भी थे !

किशोर कुमार के किस्से

किशोर कुमार, जिनकी जादुई आवाज़ आज भी सुननेवालों को मदहोश कर देती है.

उनकी बेमिसाल गायकी और फिल्मों में उनकी बेहतरीन अदाकारी ने उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया.

आज के इस मॉडर्न दौर में भी लगभग सभी उम्र के लोग किशोर कुमार के गीतों के दीवाने हैं. आज भी किशोर कुमार के बेमिसाल गाने दिल को छू लेते हैं.

कहा जाता है कि किशोर कुमार जितने आवाज़ के धनी थे उतने ही उसूलों के पक्के भी थे.

तो आइए उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर हम आपको किशोर कुमार के किस्से सुनाते है –

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किशोर कुमार के किस्से – किशोर कुमार का शुरूआती जीवन

– भारतीय संगीत के इतिहास में अमर गायक, अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और गीतकार किशोर कुमार का असली नाम ‘आभास कुमार गांगुली’ था.

– किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में वहाँ के जाने माने वकील कुंजीलाल के यहाँ हुआ था.

– किशोर कुमार इन्दौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ते थे अक्सर कॉलेज के कैंटीन से उधार लेकर खुद खाना और दोस्तों को भी खिलाना उनकी आदत बन गई थी.

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किशोर कुमार के किस्से – किशोर कुमार का फिल्मी सफर

– किशोर कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता साल 1946 में बनी फिल्म शिकारी से हुई.

– उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला साल 1948 में बनी फ़िल्म जिद्दी में, जिसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया.

– एक अनुमान के मुताबिक किशोर कुमार ने साल 1940 से 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान क़रीब 574 से अधिक गाने गाए.

– किशोर कुमार ने 81 फ़िल्मों में अभिनय किया और 18 फ़िल्मों का निर्देशन भी किया.

– किशोर कुमार को आठ फ़िल्म फेयर अवार्ड मिले हैं. उन्हें पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड 1969 में ‘अराधना’ फ़िल्म के गीत ‘रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना’ के लिए दिया गया था.

– किशोर कुमार ने हिंदी के साथ ही तमिल, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम और उड़िया फ़िल्मों के लिए भी गीत गाए.

– किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों देव आनंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

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किशोर कुमार के किस्से – जितना पैसा उतना ही काम

किशोर कुमार के बारे में कहा जाता है कि वो अपने उसूलों के बेहद पक्के थे. जब तक उन्हें पैसे नहीं मिल जाते थे, तब तक वो काम नहीं करते थे. अगर उन्हें आधे पैसे मिलते थे तो वो काम भी आधा ही करते थे.

कहते हैं कि एक फिल्म के दौरान जब डायरेक्टर ने उन्हें आधे पैसे दिए, तब उसके बदले में किशोर कुमार आधा मेकअप करके सेट पर पहुंच गए.

किशोर कुमार को जब डायरेक्टर ने पूरा मेकअप करके आने के लिए कहा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आधे पैसे मिले हैं तो काम भी आधा ही करूंगा.

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जब गीतों के प्रसारण पर लगी रोक

साल 1975 में जब देश में आपातकाल लागू हुआ था तब कांग्रेस ने किशोर कुमार को एक सरकारी समारोह में परफॉर्म करने के लिए कहा, लेकिन किशोर कुमार ने साफ तौर पर मना कर दिया.

जिसके बाद तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ला ने आकाशवाणी पर किशोर कुमार के प्रसारण पर रोक लगा दी थी.

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किशोर कुमार के किस्से – सच्चे प्यार की तलाश में की चार शादियां

– किशोर कुमार की पहली शादी बंगाली गायिका और अभिनेत्री रूमा घोष के साथ हुई थी, लेकिन जल्दी ही शादी टूट गई.

– साल 1960 में किशोर कुमार ने मधुबाला के साथ विवाह किया. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि किशोर कुमार के माता-पिता ने कभी उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया.

– साल 1976 में उन्होंने योगिता बाली से शादी की मगर इन दोनों का यह साथ मात्र कुछ महीनों का ही रहा.

– साल 1980 में किशोर कुमार ने चौथी शादी लीना चंद्रावरकर से की जो उम्र में उनके बेटे अमित से महज़ दो साल बड़ी थीं.

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किशोर कुमार के किस्से – किसी घटना का हो जाता था पूर्वाभास

किशोर कुमार के बारे में ये भी कहा जाता वो सिक्स्थ सेन्स के काफी धनी थे. यह तो सभी जानते हैं कि दिल का दौरा पड़ने से 13 अक्टूबर 1987 किशोर कुमार की मौत हुई थी.

ये बताया जाता है कि किशोर कुमार को अपनी मौत का पहले से ही आभास हो गया था. अपने जीवन की अंतिम घड़ी वो अपने परिवार के साथ बिताना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने परिवार के किसी भी सदस्य को घर से बाहर नहीं जाने दिया और अपने परिवार के बीच उन्होंने अपना दम तोड़ा.

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ये थे किशोर कुमार के किस्से – जिस तरह से किशोर कुमार फिल्मों में मस्त मौला आदमी का किरदार निभाया करते थे, ठीक उसी तरह वो अपनी असल ज़िंदगी में भी थे.

आज भले ही किशोर कुमार इस दुनिया में नहीं है लेकिन अपने सदाबहार गीतों के ज़रिए वो हमेशा लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेंगे.