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कश्मीर में कैसे बन गया एक आतंकवादी हीरो! पढ़िए कश्मीर की रूला देने वाली कहानी!

बुरहान मुस्तफा

देश का सबसे संवेदनशील राज्य होने के साथ ही जम्मू—कश्मीर आए दिन हिंसा और राजनीति को लेकर चर्चाओं में रहताहै.

हाल ही में मुठभेड़ के अन्दर हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक स्थानीय कमांडर बुरहान मुस्तफा वानी की मौत से एक बार फिर घाटी गरमा गई है.

आइए जानते हैं किस तरह से हमारे ही देश के मीडिया, अलवादियों और पाकिस्तान ने बुरहान मुस्तफा को आतंकवादी से हीरो बना दिया है और साथ ही साथ यह जानते हैं कि कैसे कश्मीर में अब हरा सूरज उगता हुआ साफ़ नजर आ रहा है.

आतंकवादियोंकी पूजा करते हैं कश्मीर के लोग

बुरहान मुस्तफा

एक आतंकवादी बुरहान मुस्तफा को सेना ने मारकर शायद बड़ी गलती कर दी है.

एक आतंकी की शव यात्रा में हजारों लोगों का शामिल होना और सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़पों पर उतरना, यह केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों के लिए चिंता का विषय है.

जिस तरह से कश्मीर के लोगों ने एक आतंकवादी की लड़ाई में झंडा बुलंद किया है तो अगर आपके आँखें हैं तो साफ़ नजर आ सकता है कि कश्मीर किस राह पर है. जिस आदमी ने अभी तक हजारों मासूम लोगों की जान लेने वालों का साथ दिया था, क्या वह किसी का हीरो बन सकता है?

यदि वह किसी का हीरो बन रहा है तो उन्हीं का हीरो बन रहा है जो आतंक के झंडे को प्यार करते हैं. आतंकवादी का साथ देने वाला व्यक्ति आतंकवादी होता है. पाकिस्तान की तरफ से भी इस आतंकवादी के लिए ब्यान आया.

असलमें भारत की मीडिया ही आतंकवादी है जिसने एक आतंकवादी को हीरो बनने का प्रसारण 24 घंटे किया है. क्या यह कश्मीरी लोग जो आज रोड़ पर हैं, वह क्या देश के जवानों की मौत पर भी सड़क पर आते हैं?

तो इसका जवाब आप भी जानते हैं.

लाल नहीं, हरा हो रहा है कश्मीर!

बुरहान मुस्तफा

देश का वह राज्य जो सबसे ज्यादा कट्टर होता जा रहा है, वह राज्य अब कश्मीर ही है. यहाँ हरा रंग, जमकर मनमानी करने लगा है. कश्मीरी पंडितों के घरों में आग लगा दी जाती है और अमरनाथ यात्रा पर गये लोगों को मारा जाता है और महिलाओं के साथ ऐसा किया गया है कि जिसको लिखना ‘कलम’ अनुमतिनहीं देती है.

जो भाई-भाई का जुमला देश लिए फिरता है, क्या वह जुमला झूठा है?

आपको समस्या है तो सेना से हो, सरकार से हो, राज्य सरकार से हो लेकिन धार्मिक लोगों को जब मारा गया तो कोई चैनल कुछ नहीं बोलता है.

अब अगर कल इन अमरनाथ यात्रियों का यही गुस्सा हज यात्रियों पर निकलने लगे तो क्या यह सही होगा?

समस्या सभी को है लेकिन भाईचारा बनाने का काम भी सभी का होना चाहिए.

कश्मीरी पंडितों के घर में आपने आग लगा दी है और कल अगर दूसरे राज्यों में भी को आग लगने लगे तो तब कैसा होगा?

असल में देश को जलाया जा रहा है. अल्पसंख्यक बोलकर आप लोग मनमानी नहीं कर सकते हैं.

सच तो यह है कि कश्मीर अब हरे रंग की कट्टरता में इतना रंगा जा रहा है कि उसको आतंकवादी भी अपने नजर आने लगे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यह हरा रंग, पाकिस्तान द्वारा भारत भेजा जा रहा है और हमारा मीडिया और सरकारें चुपचाप देख रही हैं.

कश्मीर का इतिहास याद करो

बुरहान मुस्तफा

जम्मू कश्मीर रियासत का विलय देश की नई प्रशासनिक व्यवस्था में अंग्रेजों के चले जाने के लगभग दो महीने बाद 26 अक्तूबर 1947 को हुआ था. वह भी तब जब रियासत पर कबायलियों के रुप में पाकिस्तानी सेना ने आक्रमण कर दिया और उसके काफी हिस्से पर कब्जा कर लिया था. महाराजा ने तब विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये थे. अब आप इससे पहले के कश्मीर के राजाओं के नाम देखते हैं तो एक से एक हिन्दू योद्धा आपको यहाँ मिल जायेगा. लेकिन आज कश्मीर में पाकिस्तान का राज हो चुका है.

कश्मीर के नेता पाकिस्तान से धन लेते हैं और कश्मीर में आग लगवा देते हैं. हो सकता है कि कमांडर बुरहान मुस्तफा वानी का पता भी किसी ऐसे नेता ने दिया हो जिसने पाकिस्तान से पैसा खाया हो.

आज कश्मीर के लोग बेशक एक आतंकवादी का साथ दे रहे हैं लेकिन याद करें कि जब बाढ़ में यही लोग मर रहे थे तो कोई आतंकवादी इनको बचाने नहीं आया था.

बड़े अफ़सोस के साथ आज यह कहना पड़ रहा है कि देखिये कश्मीर हम सभी की आँखों के सामने आज पाकिस्तान का हो चुका है.